कोरोना और लगातार त्यौहारों ने घटाया नसबंदी का ग्राफ
कोरोना और लगातार त्यौहारों ने घटाया नसबंदी का ग्राफ

कोरोना और लगातार त्यौहारों ने घटाया नसबंदी का ग्राफ

गुना, 09 नवम्बर (हि.स.)। इस साल कोरोना संक्रमण से कुछ भी अछूता नहीं रहा है। सबसे ज्यादा प्रतिकूल असर सरकार की जनहितैषी योजनाओं पर पड़ा है। जिसके परिणामस्वरूप लक्ष्य से बहुत कम उपलब्धि हासिल हो सकी है। हर साल सर्दी के मौसम में शुरु होने वाला नसबंदी कार्यक्रम पर भी इस बार सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि एक सितम्बर से अब तक मात्र 173 हितग्राहियों की ही नसबंदी हो सकी है। खास बात यह है कि इसमें एक मात्र पुरुष भी शामिल है। वहीं जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न माध्यमों को लेकर शासन से मिले वार्षिक लक्ष्य की उपलब्धि का आंकड़ा भी इस बार बहुत कम है। पड़ताल में सामने आया है कि इस बार सबसे ज्यादा लोग कोरोना से डरे हुए हैंं। स्थिति यह है कि सामान्य व्यक्ति तो क्या बीमार व्यक्ति भी अस्पताल नहीं जाना चाहता। क्योंकि उसका मानना है कि अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के मरीज एक साथ भर्ती तो रहते ही हैं। साथ ही कोरोना के संदिग्ध मरीजों का आना जाना भी बना रहता है। ऐसे में वह कोरोना संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। यही वजह है कि इस बार एक सितंबर से नसबंदी शिविर शुरू हुए लेकिन बहुत कम महिलाएं जिला अस्पताल नसबंदी कराने पहुंची। वहीं नसबंदी शिविरों का आयोजन अलग-अलग दिनों में अंचल के स्वास्थ्य केंद्र राघौगढ़, कुंभराज, आरोन, फतेहगढ़, बीनागंज में भी किया गया था। लेकिन सभी जगह ऐसे ही हालात रहे। इसके अलावा नसबंदी कराने वाली महिलाओं की संख्या कम होने की एक और वजह सितम्बर के बाद अक्टूबर माह तक लगातार व्रत व त्यौहारों का पडऩा भी रहा। जिसके कारण महिलाएं घर से बाहर ही नहीं निकल सकीं। - जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए तरह-तरह के प्रयास बढ़ती जनसंख्या के स्थिरीकरण के लिए सरकार हर साल तमाम तरह के प्रयास कर रही है। इसके बावजूद नसबंदी का आंकड़ा नहीं बढ़ रहा है। खास बात यह है कि शासन महिला पुरुष से लेकर आशा कार्यकर्ता को भी प्रोत्साहन राशि दे रही है। जिसके तहत यदि महिला नसबंदी (एलटीटी)कराती है तो उसे बतौर प्रोत्साहन राशि 2 हजार तथा आशा कार्यकर्ता को 300 रुपये अलग से दिए जाएंगे। जबकि यदि पुरुष नसबंदी कराता है तो उसे महिला से ज्यादा 3 हजार रुपये तथा आशा कार्यकर्ता को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। - यह बोले जिम्मेदार इस बार पिछले साल की तुलना में काफी कम नसबंदी ऑपरेशन हुए हैं। जिसकी मुख्य वजह कोरोना संक्रमण व लगातार त्यौहारों का आना है। दीवाली के बाद यह संख्या बढ़ जाएगी। डॉ राहुल श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम अधिकारी - परिवार कल्याण ऑपरेशन वार्षिक लक्ष्य : 8554 उपलब्धि : 28 आईयूडी का वार्षिक लक्ष्य : 11000 उपलब्धि : 39 पीपीआईयूसीडी का वार्षिक लक्ष्य : 3500 उपलब्धि : 261 अंतरा : 126 छाया : 874 ओरल पिल्स उपयोगकर्ता का वार्षिक लक्ष्य : 18000 उपलब्धि : 4876 निरोध उपयोगकर्ता का वार्षिक लक्ष्य : 27000 उपलब्धि : 3160 (नोट: यह आंकड़े अप्रैल से 19 जून 2020 तक के हैं) हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in