कांग्रेन नेत्री का आरोप, भाजपा की जनविरोधी नीतियों से बढ़ी महंगाई, आम आदमी परेशान
भोपाल, 18 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं पूर्व महापौर विभा पटेल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा जनविरोधी नीतियों से देश-प्रदेश में महंगाई चरम पर पहुंच गई है। पूरा देश जहां कोरोना के संकट और उससे हो रही परेशानियों से नहीं उबर पा रहा है, वहीं भाजपा सरकार अपना खजाना भरने के लिए जनता को महंगाई की आग में झौंकने के रोज नये-नये कीर्तिमान स्थापित करने में लगी हुई है। विभा पटेल ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जहां बीते एक माह में पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और अन्य वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर जनता को आर्थिक संकट में डाल दिया है, वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी केंद्रीय नेतृत्व के जनविरोधी मंसूबों पर अपनी मुहर लगाते हुए बिजली के दामों में 2 प्रतिशत की बढोत्तरी कर आम आदमी के सामने आर्थिक संकट खड़ा कर उसकी जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश का अन्नदाता किसान, महिलाएं परेशान हैं, वहीं बेरोजगारी चरम पर है, कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भाजपा के एजेंट बनकर नागरिकों के साथ कुठाराघात कर रही हैं। केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल के बाद रसोई गैस और फास्ट टैग के दाम बढ़ा दिए हैं। रसोई गैस की सब्सिडी लोगों को आठ महीने से नहीं दी है। वहीं हाईवे टोल नाकों पर फास्ट टैग अनिवार्य कर दिया है। साथ ही टोल टैक्स भी बढ दिया है। भाजपा सरकार अपनी मनमानी कर हर तरफ से जनता की जेब पर डांका डालने में लगी है। पूर्व महापौर ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश-प्रदेश में महंगाई बढ़ी। खाद्य वस्तुएं खासकर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। राज्य सरकार बिजली के दाम बढ़ाकर ऐसे समय में जनता पर बोझ लाद रही है, जब लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। कोरोना काल में लॉक डाउन की वजह से कई परिवारों की रोजी-रोटी छिन गई है। मजदूर आज भी घरों में बैठे हैं, उन्हें काम नहीं मिल रहा है, छोटे धंधे चैपट हो गये, प्रायवेट कंपनियों ने अपने वर्करों को नौकरी से निकाल दिया है, यहां तक कि घरेलू कामकाजी महिलाएं भी घरों में बैठी है जो पाई-पाई जोडक़र संकट के समय घर संभालने में सक्षम होती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। वह जनता से कहती कुछ है और करती कुछ और है। विभा पटेल ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने 100 रुपये मेें 100 यूनिट बिजली देने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसे भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया और अब हजारों रुपयों के बिजली बिल थमाये जा रहे हैं जो उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक संकट बना हुआ है। वहीं प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाकर नगर निगम अपना खजाना भरने की तैयारी में है। भाजपा के ये सभी फैसले केवल जनता की आर्थिक परेशानियां बढ़ाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में अपना खजाना भरने की बजाय सरकार को जनता के हित में फैसला लेना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय-hindusthansamachar.in