एमसीयू में “महिला कर्मचारियों के अधिकार और दायित्व” विषय पर संवाद एवं परिचर्चा सम्पन्न
एमसीयू में “महिला कर्मचारियों के अधिकार और दायित्व” विषय पर संवाद एवं परिचर्चा सम्पन्न

एमसीयू में “महिला कर्मचारियों के अधिकार और दायित्व” विषय पर संवाद एवं परिचर्चा सम्पन्न

भोपाल, 08 दिसम्बर (हि.स.)। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (उच्चतर शैक्षिक संस्थानों में महिला कर्मचारियों एवं छात्रों के लैंगिक उत्पीड़न के निराकरण, निषेध एवं सुधार) विनियम 2015 के तहत गठित आंतरिक शिकायत समिति द्वारा “महिला कर्मचारियों के अधिकार और दायित्व” विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, भोपाल की सदस्य श्रीमती प्रतिभा पाण्डे ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की महिला कर्मचारियों के साथ संवाद किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने अपने उद्बोधन में अधिकार के साथ दायित्व बोध की आवश्यकता पर जोर डाला। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि महिलाओं से संबंधित कानूनों पर जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध छोटी घटनाओं से शुरू होते हैं जिन्हें आमतौर पर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लैंगिक उत्पीड़न से जुड़े किसी भी मामले में विश्वविद्यालय द्वारा 'जीरो टॉलरेंस' नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के बिसनखेड़ी स्थित नये परिसर में स्टाफ़ के बच्चों के लिये शिशुगृह की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने आशा जताई की आईसीसी केवल शिकायतों के निराकरण तक ही सीमित न रहकर विश्वविद्यालय में व्यापक दृष्टिकोण के साथ कार्य करेगी। प्रतिभा पाण्डे ने अपने उद्बोधन में कहा कि बेटियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने बेटों को पढ़ाएं और बताएं। माता-पिता को अपने बेटों के साथ उनके व्यवहार के बारे में बात करनी चाहिए। श्रीमती पांडे ने कहा कि महिला सहकर्मियों के प्रति उनका रवैया वैसा ही होना चाहिए, जैसा कि उनके परिवार में महिला सदस्यों का है। उन्होंने कहा कि एक महिला जन्म से सम्मान पाने की हकदार है। हम कानूनों द्वारा महिला की गरिमा और सम्मान को सुनिश्चित नहीं कर सकते। समाज को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। श्रीमती पांडे ने अधिनियम के प्रावधानों को विस्तृत रूप से साझा किया। हिन्दुस्थान समाचार/राजू-hindusthansamachar.in

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