अपडेट.. बमौरी उपचुनावः 53 हजार 153 मतों से संजू सिसौदिया ने दर्ज कराई जीत
गुना, 10 नवम्बर (हि.स.)। बमौरी विधानसभा में मंगलवार को इतिहास रचा गया। इतिहास भाजपा प्रत्याशी महैन्द्र सिंह सिसौदिया ने रचा। जिन्होने डाले गए 1 लाख 62 हजार 685 मतों में से 1 लाख 1 हजार 124 मत ले जाकर 53 हजार 153मतों से जीत दर्ज कराई। इसके साथ ही संजू ने तीन और रिकॉर्ड कायम किए। पहला लगातार एक ही विधानसभा से चार बार चुनाव लडऩे का तो तीन बार विजयश्री हासिल करने के साथ ही दो बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा से जीत का। इतना ही नहीं, इस चुनाव में जितने मतों से संजू ने जीत दर्ज कराई, उतने कुल मत भी कन्हैयालाल अग्रवाल को नहीं मिले। अग्रवाल के खाते में महज 47 हजार 971 मत आए। वर्ष 2018 का चुनाव कन्हैयालाल अग्रवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें 28 हजार 488 मिले थे, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी महैन्द्र सिंह सिसौदिया को 64 हजार 598 मत मिले थे। तीन रिकॉर्ड तो कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैयालाल अग्रवाल ने भी बनाए। इनमें एक ही विधानसभा से चार बार चुनाव लडऩे का तो लगातार तीन बार हार का। दिलचस्प यह है कि कन्हैयालाल तीनों बार अलग-अलग चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़े। बहरहाल बमौरी किसकी? मंगलवार को हुई मतगणना के बाद इस सवाल का जवाब भाजपा प्रत्याशी संजू सिसौदिया के रुप में सामने आने के बाद भाजपाजन जश्न में डूब गए है। भाजपा में खुशियों का दौर तो शुरुआती दौर की ही जोरदार बढ़त के बाद शुरु हो गया था, किन्तु जब उनका प्रत्याशी ने रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज कराई तो मारे खुशी के भाजपाजन सड़क़ों पर नाचने-गाने लग गए। इस दौरान ढोल बजाए गए तो धमाके किए गए। इसके साथ ही वातावरण में जमकर रंग-गुलाल उड़ा। भाजपाजनों ने इसे विकास और न्याय की जीत बताया है। इससे पहले मंगलवार को दिन भर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना का दौर शुरु हुआ। इस दौरान जैसे-तैसे राउंड बढ़ते गए। वैसे -वैसे भाजपा खेमे में जश्न तो कांग्रेस में निराशा का माहौल बनता चला गया। किसी भी चरण में नहीं हारे संजू सिसौदिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना सुबह 8 बजे शुरु हुई। सबसे पहले डाक मत पत्र गिने गए। इसके आधे घंटे बाद ईवीएम में कैद मतों की गिनती शुरु की गई। मतगणना में भाजपा प्रत्याशी संजू सिसौदिया ने पहले ही चरण से जो जीत दर्ज कराने का सिलसिला शुरु किया तो वह लगातार पूरे 24 चरण तक चला। पहले ही चरण में संजू ने कन्हैयालाल पर 700 से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी। इसके बाद हर चरण में उनका जीत का अंतर लगातार बढ़ता गया। शुरुआत के 10 चरण के बाद यह लगभग तय हो गया था कि बमौरी से संजू सिसौदिया चुनाव जीत चुके है। इस बीच तक उन्होने लगभग 15 हजार मतों से निर्णायक बढ़त ले ली थी। मतगणना स्थल पर लगा रहा लोगों का हुजूम बमौरी विधानसभा चुनाव के नतीजे जानने के लिए मतगणना स्थल पर लोगों का हुजूम लगा रहा। सुबह से ही नतीजे जानने के उत्सुक लोगों का यहां पहुँचना शुरु हो गया था।सिसौदिया अपनी जीत को लेकर इतने आश्वस्त थे कि एक दिन पहले ही उन्होंने अपने आवास पर बड़ी स्क्रीन और टेन्ट लगवा दिए थे। वहीं उनके आवास के ठीक पास स्थित कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैयालाल अग्रवाल के कार्यालय से धीरे-धीरे समर्थक नदारद होते गए। सुबह इस कार्यालय पर चहल-पहल थी। जैसे-जैसे हार का अंतर बढ़ता गया, वैसे-वैसे कांग्रेस नेता गायब होते रहे और उनके कार्यालय पर कुछ गिने-चुने लोग ही बचे। नोटा’ से हार गए 9 प्रत्याशी बमौरी विधानसभा में उपचुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों से 9 तो सिर्फ 'नोटा’ से ही हार गए। विधानसभा उपचुनाव में 2042 लोगों ने सभी प्रत्याशियों को नकारते हुए नोटा बटन दबाया। जबकि भाजपा और कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रमेश डाबर ही नोटा से आगे निकल सके। उन्हें 5391 मत मिले। हालांकि डाबर खुद 2018 में पार्टी को प्राप्त 7176 मतों के आंकड़ों से दूर रह गए। बसपा के अलावा भाकपा के मनोहर मिरोटा को 1983, अम्बेडकर पार्टी ऑफ इंडिया के अमित खरे को 477, जवसंत सिंह को 206, सपा के रामनाथ बघेल को 236, सपाक्स पार्टी के शिशुपाल सिंह यादव को 519, निर्दलीय किशन प्रजापति को 333, निर्दलीय प्रत्याशी गिरराज जाट को 604, रविंद्र कुमार श्रीवास्तव को 1433, हेमंत सिंह कुशवाह को 775 मत मिले। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in