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सतत सम्पर्क में रहने वाले वर्कर्स का प्राथमिकता से होगा टीकाकरण : मंत्री सारंग

-शत-प्रतिशत टीकाकरण के संबंध में गठित मंत्री-समूह की हुई पहली बैठक भोपाल, 27 मई (हि.स.) । राज्य शासन ने कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने के लिये परिणाम-मूलक कार्यवाही के उद्देश्य से 18 वर्ष एवं उससे अधिक उम्र के सभी नागरिकों को शत-प्रतिशत टीकाकरण के कार्य को समय-सीमा में सम्पादित करने के उद्देश्य से सुझाव प्रस्तुत करने के लिये मंत्री-समूह का गठन किया है। मंत्रालय में इस समूह की गुरुवार को प्रथम वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिं पटेल, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल शामिल हुए। मंत्री सारंग ने बताया कि मंत्री-समूह के सदस्यों से प्राप्त सुझावों पर अमल करने की रणनीति बनाई जायेगी। टीकाकरण के लिये लोगों को पूर्व सूचना मिल सके, ऐसे प्रयास किये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक, वीडियो रथ, लघु फिल्म और सफलता की कहानी के माध्यम से लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लोगों के सम्पर्क में आने वाले वर्कर्स का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण होगा। इसमें पेट्रोल पम्प वर्कर्स, फैक्ट्री वर्कर्स, स्ट्रीट वेण्डर्स, उचित मूल्य दुकान वाले और अन्य दुकानदारों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में टीकाकरण के लिये फड़ मुंशी की विशेष भूमिका हो सकती है। सारंग ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 18 प्लस के लोगों का अभी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही टीकाकरण होगा, जबकि 45 प्लस को सेंटर पर बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में ऑफलाइन ही टीकाकरण करवाना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि ग्राम पंचायत स्तर पर उसी क्षेत्र के हितग्राही को लाभ मिले। बैठक में यह सुझाव भी प्राप्त हुए, जिसमें दो-तीन गाँव के बीच में एक स्थान चयनित कर जन-प्रतिनिधि की मौजूदगी में वैक्सीनेशन हो। टीकाकरण के एक दिन पहले माइक आदि से क्षेत्र के लोगों को अवगत करवाया जाये। बताया गया कि प्रदेश में वैक्सीनेशन का वेस्टेज बहुत कम है, लेकिन इसे अभी शून्य की स्थिति में लाने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन के दुष्प्रचार पर अंकुश लगाने की आवश्यकता भी जताई गई। प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में लगातार प्राप्त हो रही है। वैक्सीनेशन के समन्वय के लिये ग्रामीण विकास, वन, स्कूल शिक्षा और गृह विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इसके लिये उन्हें जोड़ा जायेगा। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अपर मुख्य सचिव एवं समूह के समन्वयक मोहम्मद सुलेमान और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक छवि भारद्वाज मौजूद थीं। हिन्दुस्थान समाचार / उमेद

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