ujjain-tomorrow-doctors-saved-woman39s-eyes-from-black-fungus-today-the-fourth-operation-is-being-done
ujjain-tomorrow-doctors-saved-woman39s-eyes-from-black-fungus-today-the-fourth-operation-is-being-done

उज्जैन: कल डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस से बचाई महिला की आंखें, आज हो रहा चौथा ऑपरेशन

14/05/2021 उज्जैन,14 मई(हि.स.)। आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कल 30 वर्षीय महिला का ब्लैक फंगस का ऑपरेशन हुआ। पाठक संलग्न चित्र देख सकते हैं। वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ.सुधाकर वैद्य की टीम ने उक्त महिला का ऑपरेशन करके ब्लैक फंगस निकाल दी और उसकी दोनों आंखें बचा लीं। आज मेडिकल कॉलेज में चौथा ऑपरेशन हो रहा है। डॉक्टरों को आशंका है कि मरीज की कथित रूप से एक आंख प्रभावित हो सकती है। जिन्हें कोरोना हो चुका...वे सतर्क रहें डॉ.सुधाकर वैद्य के अनुसार मरीज देरी से आ रहे हैं। लोग कोविड होने के बाद स्वस्थ होकर घर जाते हैं तो अपनी दिनचर्या में जुट जाते हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। उसी का परिणाम है कि उक्त बीमारी गंभीर रूप धर लेती है और जब वह निकलकर बाहर आती है,तब लोग भागते हैं डॉक्टर के पास। उन्होंने बताया कि उज्जैन में अभी इस सर्जरी की दर सस्ती है। हिंदुस्थान समाचार के माध्यम से समाचार प्रकाशित होने के बाद बाहर के शहरों के लोग भी सम्पर्क कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना से ठीक हुए मरीज अपनी शुगर की नियमित जांच करवाएं। इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं का उपयोग बंद कर दें। एंटीबायोटिक्स एवं एंटी फंगल दवा बगैर चिकित्सक की सलाह के न लें। सबसे पहले दिखाएं ईएनटी सर्जन कोइएनटी सर्जन डॉ.राजेंद्र बंसल के अनुसार यह बीमारी वास्तव में नाक की है। मरीज को दिखना कम देता है या बंद हो जाता है तो वह सीधे ऑख के डॉक्टर के पास जाता है,तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। मरीज को सबसे पहले ईएनटी सर्जन के पास जाना चाहिए,वह भी प्रारंभिक दौर में। ताकि शुरूआती उपचार में ही वह ठीक हो सके,ऑपरेशन या ऑंखों को निकालने की नौबत न आए। इन लक्षणों पर ध्यान दें कोविड पॉजीटिव्ह या ठीक हो चुके मरीजडॉ.बंसल के अनुसार ऑंख,चेहरे या नाक में दर्द हो,चेहरे पर सूजन हो,नाक में सूखापन हो,नाक से काला या कत्थई रंग का तरल पदार्थ बहे,सिरदर्द हो,आंखों से कम दिखाई दे रहा हो, तो सीधे ईएनटी सर्जन के पास जाएं। यह प्रारंभिक दौर में ही ठीक हो जाएगा। नाक से फंगसवाले टीश्यू तथा गली हड्डी निकालने पर जीवन पूर्व की तरह चलने लगेगा। यह फंगस जबड़े के हड्डी को गला देती है,इसलिए जबड़ा निकालना पड़ता है। अत: लक्षणों को देखकर तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचें। नहीं मिल रही दवाईयां...कलेक्टर से किया आग्रह डॉ.बंसल के अनुसार सभी ईएनटी डॉक्टर्स,सर्जन ने कलेक्टर आशीषसिंह से आग्रह किया है कि इस रोग की एंटी फंगस दवाएं बाजार में उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि मरीज आने के बाद भी वे सही उपचार नहीं दे पा रहे हैं। न ही ऑपरेशन के दौरान व बाद की दवाएं उपलब्ध है। कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि वे कम्पनियों से चर्चा करके दवाई की उपलब्ध करवाएंगे। हिंदुस्थान समाचार/ललित ज्वेल

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in