ujjain-90-percent-villagers-get-vaccinated-in-dhatravada-village-with-1520-population
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उज्जैन: 1520 आबादी वाले गांव धतरावदा में 90 फीसदी ग्रामीणों ने लगवाए टीके

गांव में एक ही व्यक्ति हुआ कोरोना पॉजीटिव्ह, नहीं हुई कोरोना से किसी की भी मौत उज्जैन,23 मई(हि.स.)। उज्जैन शहर से 12 किमी दूर धतरावदा ग्राम पंचायत है। इस गांव की आबादी है 1520। यहां 45+ आयु के 90 प्रतिशत लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। इस गांव में डेढ़ वर्ष में केवल एक पॉजीटिव्ह केस निकला। वहीं मार्च,20 से अभी तक कोरोना से या अन्य किसी कारण से एक भी मौत नहीं हुई। यहां के अधिकांश ग्रामीण एक लापरवाही कर रहे हैं। वह यह कि वे मॉस्क नहीं पहन रहे हैं। उनके अनुसार हमारे गांव में कोरोना है ही नहीं तो मॉस्क क्यों पहनें? यही जिद उन्हे नुकसान पहुंचा सकती है। गांव के अधिकांश ग्रामीण न तो मास्क पहने नजर आए और न ही सामाजिक दूरी के नियम का पालन करते दिखे। मजदूरी और पशुपालन के पेशे से जुड़े इस गांव के लोगों में कोरोना वायरस का भय न के बराबर दिखा। गांव की यह अलग तस्वीर इसलिए थी क्योंकि गांव में 45 साल से ज्यादा उम्र के 90 फीसदी लोग को वैक्सीन लग चुका हैं। गांव के सरपंच और रोजगार सहायक की मदद से यह संभव हो पाया है। सरपंच कैलाश चौहान ने बताया कि एक समय था जब आसपास के गांव में लोगों ने टीका लगवाने से इन्कार कर दिया था। तब धतरावदा के ग्रामीणों ने जागरूकता दिखाते हुए एक साथ टीकाकरण अभियान में भाग लिया। कोरोना की लड़ाई में सभी का मिला सहयोग * सरपंच कैलाश चौहान ने बताया कि कोरोना वैक्सीन को लेकर गांव में कई भ्रांतियां बनी हुई थी, लेकिन घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया गया। यहीं प्रमुख कारण है गांव में लोग आज भी संक्रमण से बचे हुए हैं। * सचिव संजय गोठवाल ने बताया कि गांव में 90 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। ग्रामीणों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ हिम्मत भी बढ़ी है। गांव में सब स्वस्थ है। * ग्राम पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल माह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाकर गांव में लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक किया जा रहा था। ताकि लोग कोरोना का टीका लगवाकर खुद को सुरक्षित कर लें। पर टीकाकरण के बाद कुछ लोगों की बिगड़ती सेहत की खबरों ने लोगों में दहशत बढ़ा दी। इसी बीच गांव में बुजुर्गों के साथ एक दिव्यांग महिला ने भी वैक्सीन लगवाई,जिससे गांव के अन्य लोग भी प्रेरित हुए। * गांव में 8 पलंग का आयसोलेशन केन्द्र बनाया गया है ताकि कोरोना की चैन को वहीं पर ब्रैक किया जा सके। * गांव मेें सर्दी,खासी और बुखार की जांच के लिए पांच बार शिविर आयोजित किए गए। पूरे गांव में सैनिटाइजेशन का कार्य करवाया गया। सामान्य लक्षण वालों को कोरोना कीट भी बांटी गई। हिंदुस्थान समाचार/ललित ज्वेल

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