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धान उपार्जन के पांच माह बीतने के बाद भी दो किसानों को नहीं हुआ भुगतान

अनूपपुर, 23 मई (हि.स.)। जिले में वर्ष 2020-21 के लिए 29 उपार्जन केन्द्रों पर हुई धान खरीदी में शासन के पास भेजी गई सूची में वेंकटनगर आदिम जाति मर्यादित सोसायटी और सिंघौरा सोसायटी के दो किसानों को पांच माह बाद भी राशि का भुगतान नहीं हो सका है। किसान पांच माह से राशि के खाते में आने के इंतजार और सोसायटी का चक्कर लगाकर परेशान हैं। यहां तक राशि नहीं मिलने पर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन आश्चर्य यहां से भी पैसा भुगतान सम्बंधित कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। बताया जाता है कि वेंकटनगर सोसायटी में पंजीकृत किसान नवनीत शुक्ला पिता कृष्ण कुमार शुक्ला द्वारा 11 जनवरी को धान बिक्री केंद्र खूंटाटोला में परिवहन कर 114 क्विंटल 80 किलो धान बेचा था। आवदेक किसान का कोड क्रमांक.220481416044 है। बेचे गए 114.80 क्विंटल धान में आवदेक किसान को कुछ पैसे का भुगतान भी हुआ। लेकिन कुछ पैसा लगभग 37 बोरी का 27646.4 रुपये मिलना शेष रहा। साथ ही धान तुलाई में पल्लेदारी के लिए भी 1630 बोरी का लगभग 16300 रुपये भुगतान होना शेष हैं। इसी तरह दूसरे किसान ग्राम भेलमा-मुंडा का जिसका 151 बोरी धान का भुगतान 112827 रुपये शेष हैं। इस किसान के भी 151 बोरी के पल्लेदारी 1510 रुपये शासन को भुगतान किया जाना हैं। लेकिन इन दोनों किसानों को अब तक उनके खातों में धान उपार्जन का पैसा नहीं पहुंचा हैं। जब भी किसानों द्वारा सोसायटी मैनेजर से अपने बाकी भुगतान के लिए पूछा जाता है तो सिर्फ कहा जाता है कि हमारे द्वारा जानकारी ऊपर भेज दी गई है। जैसे ही वहां से क्लीयर होगा, आप लोगों का बकाया भुगतान हो जाएगा। वेंकटनगर सोसायटी की जानकारी के अनुसार वेंकटनगर सोसायटी अंतर्गत केवल दो ही किसान ऐसे हैं जिनका बकाया पैसा आना शेष हैं। सीएम हेल्पलाइन से भी नहीं हुआ समाधान किसान नवनीत शुक्ला द्वारा अपने बकाया पैसों को लेकर लगातार सोसायटी के चक्कर काटने और राशियों का भुगतान नहीं होने पर सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन यहां भी आजतक सिर्फ प्रगति विवरण अपेक्षित बता रहा हैं। किसानों का कहना है कि पांच माह बीतने को आ गए हैं, लेकिन धान उपार्जन का बकाया भुगतान नहीं पा रहा हैं। इस कोरोना काल में किसान जहां एक-एक पैसे को मोहताज हैं वहीं किसानों को अपनी ही बेचे गए उपज के भुगतान के लिए लाचार होना पड़ रहा है। प्रशासनिक लापरवाही के कारण दोनों किसान अपनी आगामी खेती के लिए पैसे के लिए मोहताज बने हुए हैं। पैसे के अभाव में आगामी फसल करना असम्भव हो जाएगा। वेंकटनगर आदिम जाति सहकारी समिति प्रबंधक सुरेश तिवारी ने बताया कि वेंकटनगर एवं सिंघौरा सोसायटी के अंतर्गत सिर्फ दो ही किसानों का भुगतान होना शेष है, शेष सभी किसानों का पैसा आ चुका है। इसकी जानकारी हमारे द्वारा ऊपर भेज दी गई है। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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