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(दो)-मुख्यमंत्री शिवराज ने किया नगरीय क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद

कोविड सहायता केन्द्रों में हो टेस्टिंग की सुविधा भोपाल, 22 मई (हि.स.)। नगरीय क्षेत्रों के जन-प्रतिनिधियों अर्थात पूर्व तथा वर्तमान मेयर, नगरपालिका, नगर परिषद के पूर्व तथा वर्तमान अध्यक्षों और पार्षदों को कोविड-19 के नियंत्रण के प्रबंधन पर निवास से वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा संबोधित करते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जहाँ कोरोना का एक भी पॉजीटिव केस हो वहाँ टेस्टिंग जारी रहे। टेस्टिंग के लिए सघन गतिविधियाँ संचालित की जाएँ। भोपाल में आरंभ की गई मोबाइल टेस्टिंग व्यवस्था प्रभावी है, जिसका अनुसरण आवश्कतानुसार अन्य जिले भी कर सकते हैं। कोविड सहायता केन्द्रों में टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध करा कर इसका प्रचार आसपास के रहवासी क्षेत्रों में किया जा सकता है। संकट काल में सहायता श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा दो माह का और राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। कोरोना के प्रकोप में जो बच्चे अनाथ हो गये हैं उनके लिए पाँच हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन, नि:शुल्क राशन और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा, इसके लिए पोर्टल तैयार है। निर्माण श्रमिकों और स्व-सहायता समूहों के खातों में राशि जारी की जाएगी। यह सुनिश्चित करें की वार्डों में सब्जी, दूध तथा भोजन की व्यवस्था बनी रहे। दीनदयाल रसोई से संकट काल में लोगों को भोजन मिलता रहे। यह सुनिश्चित किया जाए की शहर में कोई भूखा न सोए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन परिवारों में कोविड से मृत्यु हुई है उन्हें एक लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया है। जन-प्रतिनिधियों से ये है सजगता और सक्रियता अपेक्षित मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नगरीय निकायों के जन-प्रतिनिधियों से निम्न कार्यों में सर्तकता, सजगता और समर्पण अपेक्षित है - सामाजिक दूरी और मास्क पहनने के लिए नगरिकों को प्रेरित करना। शहर में स्वच्छता ठीक बनी रहे। पेयजल की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो। विभिन्न स्थानों पर सेनेटाईजेशन और छिड़काव की कार्यवाही ठीक से हो। अंतिम संस्कार के स्थानों पर स्वच्छता का बेहतर प्रबंधन हो। कोविड केयर सेंटर, शमशान, कब्रस्तान आदि के मेडिकल वेस्ट का वैज्ञानिक पद्धति से निपटान सुनिश्चित किया जाए। प्रवासी श्रमिकों का शत-प्रतिशत पंजीयन किया जाए। वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता बढ़ाने में सहयोग दें। वृक्षारोपण के लिए अंकुर कार्यक्रम श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को ऑक्सीजन में आत्म-निर्भर बनाने के लिए विभिन्न जिलों में प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। प्राकृतिक रूप से पेड़ ही ऑक्सीजन देते हैं। मैंने स्वयं प्रतिदिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया है, जिसका मैं अनुसरण कर रहा हूँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जन-सहभागिता से वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए अंकुर कार्यक्रम आरंभ किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को स्वयं कम से कम एक पौधा लगाकर पौधे की फोटो एप पर अपलोड करना होगी। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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