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जघन्य विफलता को छुपाने के लिए सच दबाने की कोशिश : माकपा

भोपाल, 24 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने को माकपा ने तानाशाहीपूर्ण हरकत बताया है। सीपीएम राज्य सचिव जसविंदर सिंह कहा है कि यह संसदीय जनतंत्र के अपमान के साथ साथ यह भी साबित करता है कि भाजपा की शिवराज सरकार व्यवस्थाओं को सुधारने की बजाय सरकार की आलोचना करने वालों पर दमन कर तानाशाही के खतरनाक रास्ते पर चल रही है। सीपीएम राज्य सचिव जसविंदर सिंह के अनुसार नेता प्रतिपक्ष द्वारा कोविड से हुई मौतों के जारी किए गए आंकड़े दिल दहलाने वाले हैं। सरकार को इन आरोपों को निराधार कहने की बजाय तथ्यों के साथ स्पष्टीकरण देना चाहिए था। इन तथ्यों के साथ दी गयी जानकारी पर सरकार की चुप्पी और सत्ताधारी पार्टी की एफआईआर दर्ज कराने की मुहिम सरकार की असफलता और जनतंत्र विरोधी चेहरे को बेपर्दा करती है। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार के इस जनविरोधी कदम की निंदा की है। इसके अलावा प्रदेश में कोरोना के हालातों पर माकपा नेता ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी गाँव गाँव तक पहुँच चुकी है। जिन्हें आसानी से टाला जा सकता था ऐसी हजारों मौतें प्रदेश भर में जारी हैं। सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली भारी बोझ के चलते बैठ चुकी है। वहीं बजाय रोकथाम के शिवराज सरकार जांचें रोकने और सीमित करने में लगी है। टीकाकरण का काम तो बंद ही हो गया है। उस पर सत्ता पार्टी से जुड़े लोग इस आपदा में अवसर ढूंढते हुए नकली दवाओं की कालाबाजारी जैसे मानवताविरोधी कामो में लगे हैं। इन अपराधों को उजागर रोकने के लिए मीडिया पर अंकुश लगाने के साथ सचाई को दबाने की कोशिश भी की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय

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