टमाटर की लागत न निकलने से सड़को पर फेंक रहे टमाटर
रायसेन, 16 मार्च (हि.स.)। जिले के बाड़ी के आसपास के दर्जनों गाँवो के किसानों द्वारा टमाटर की फसल की उपज दिल्ली से लेकर गोवा तक बेंची जाती है, लेकिन इन दिनों किसानों को टमाटर की फसल की लागत निकलना भी मुश्किल हो रहा है जिसके चलते कहीं किसान अपनी टमाटर की उपज को पशुओं को खिला रहे है तो कहीं सड़को पर फेंक रहे है। जानकारी के अनुसार रायसेन जिले के बाड़ी क्षेत्र में विगत पंद्रह बीस सालों से टमाटर की खेती की जा रही जो कभी फायदेमंद होती थी, लेकिन अब लागत भी नहीं निकल रही है, बाड़ी बरेली के बीच नेशनल हाईवे 12 पर आये दिन इसी तरह का नजारा नजर आता हैं, जहां सड़को पर टमाटर के ढेर पड़े रहते हैं जिसे देख ऐसा लगता है की कोई वाहन पलटने से टमाटर बिखर गए हों। लोग अपनी गाडी रोक पता करते हैं तब पता चलता है की किसान टमाटर का मूल्य नहीं निकलने के कारण सड़क पर ही टमाटर फेंक देते हैं। बता दें कि मंड़ी में टमाटर की एक क्रेट तीस से पचास रुपये में बिक रही हैं जिसमें 27 किलो से 30 किलो टमाटर होता हैं ..जिसमें तुड़वाई हम्माली ट्राँसपोर्ट का खर्चा भी नहीं निकलता लिहाजा रायसेन जिले में आने बाले ग्राम हरसीलि, घोंट, डिब्बी, किब्लाझिर, पारतलाई, सहित कई ग्रामों के किसान टमाटरों को सड़क पर फैंक रहे हैं । किसानों ने बताई आप बीती नेशनल हाइवे 12 पर स्थित ग्राम घोंट के किसान राघबेन्द्र ठाकुर, भाई साहब ठाकुर ने बताया कि क्षेत्र में कई किसानों ने टमाटर की खेती की थी, किंतू उचित मूल्य ना मिलने से हम लोग आज खड़ी फसल को नष्ट कर सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं जिससे हम किसान कर्ज की दल दल में बुरी तरह फंस चुके हैं, लागत भी नहीं निकल पर रही अब क्या करें अगली फसल लेना है सो जमीन खाली करने के कारण टमाटर फेंक रहे है। हिन्दुस्थान समाचार/ नीलेंद्र मिश्रा/राजू