मुम्बई में अम्बेडकर स्मारक में तोडफ़ोड़ से अनुयायियों में आक्रोश, दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग
इंदौर, 08 जुलाई (हि.स.)। मुंबई स्थित आम्बेडकर स्मारक 'राजगृह' में गत दिवस कुछ लोगों द्वारा तोडफ़ोड़ की गई। इससे अम्बेडकर अनुयायियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मुकुल लक्ष्मण वाघ ने मंगलवार को राज्य सरकार को एक पत्र प्रेषित कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बौद्ध महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बाघ ने बताया कि राजगृह में तोडफ़ोड़ की घटना से महाराष्ट्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। इस घटना से देश के करोड़ों अम्बेडकर अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा है कि संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की कर्म भूमि रहे महाराष्ट्र में इस प्रकार की घटना अम्बेडकर विरोधी ताकतों की संकीर्ण मानसिकता की परिचायक है, लेकिन हम ऐसी ताकतों को आगह करना चाहते हैं कि उनके ऐसे कायराना कृत्यों से अम्बेडकर परिवार के कोई सदस्य डरने वाला नहीं है। उन्होंने इंदौर में जिला कलेक्ट्रेट में महाराष्ट्र सरकार के नाम एक ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि आरोपितों की पहचान कर तुरंत गिरफ्तारी की जाए और ऐसे असामाजिक तत्वों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुकुल वाघ मप्र सरकार से भी मांग की है कि राज्य के सभी अम्बेडकर स्मारकों पर सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद की जाए, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना न घटित हो व शांति व्यवस्था कायम रहे। गौरतलब है कि संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब अम्बेडकर का निवास स्थान राजगृह अपने समय का एक विशाल पुस्तकालय था, जिसमें उन्होंने अपनी करिब 55 हजार पुस्तकें संग्रहित कर रखी थीं। उनके जाने के बाद इस ईमारत को स्मारक के रूप में बदल दिया गया, जहां बाबा साहब के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखी गई हैं। यहां देश के कौने-कौने से अम्बेडकर अनुयायी दर्शन के लिये आते हैं। इस ईमारत में ऊपर बाबा साहब के वंशज रहते हैं। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर-hindusthansamachar.in