किसान आय बढ़ाने के लिये उद्यानिकी फसलों को दें प्राथमिकता : राज्यमंत्री कुशवाह
उद्यानिकी मंत्री कुशवाह कृषक प्रशिक्षण शिविर में हुए शामिल ग्वालियर, 10 जनवरी (हि.स.)। किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिये खेती के साथ-साथ उद्यानिकी को भी अपनाना होगा। किसान की आय दोगुनी करने में उद्यानिकी फसलें मददगार बनेंगीं। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने रविवार को मुरार विकासखण्ड के कृषक प्रशिक्षण शिविर में कही। विक्रांत कॉलेज के सभागार में आयोजित किसान प्रशिक्षण शिविर में कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने की। इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी उपस्थित थे। प्रशिक्षण में उद्यानिकी विभाग के संयुक्त संचालक राजेन्द्र राजौरिया, विक्रांत कॉलेज के डायरेक्टर श्री राठौर सहित कृषि विशेषज्ञ एवं किसान भाई उपस्थित रहे। उद्यानिकी राज्यमंत्री कुशवाह ने कहा कि प्रदेश में 20 विकासखण्डों को उद्यानिकी के क्षेत्र में मॉडल विकासखण्ड बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें मुरार विकासखण्ड भी शामिल है। चयनित सभी विकासखण्डों में उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिये विशेष प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किसानों के हित में सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं। मध्यप्रदेश में कृषि उपज का रिकॉर्ड भी प्रदेश सरकार ने बनाया है। अब हमें उद्यानिकी के रकबे को भी बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। उद्यानिकी फसलों के माध्यम से ही किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। कुशवाह ने कहा कि किसान भाई अपने व्यवहारिक ज्ञान के साथ अगर विज्ञान को जोडकर उद्यानिकी फसलें करें तो उन्हें और अधिक लाभ मिल सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे कार्यों से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते आसान हुए हैं। अब किसानों को अपने कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिये भी 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों को भी किसान लें, इसके लिये किसानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। क्षेत्रीय सांसद शेजवलकर ने कहा कि ग्वालियर के किसान भाईयों के लिये यह एक सुनहरा अवसर है जब प्रदेश का उद्यानिकी राज्यमंत्री और देश का कृषि मंत्री दोनों ही ग्वालियर के हैं। किसान भाई केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर ग्वालियर को कृषि के क्षेत्र में एक मॉडल जिला बनाएँ। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सभी व्यवसाय पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे तब भी किसान भाईयों ने अपनी मेहनत से खेतों में खाद्यान्न उत्पादन किया। शेजवलकर ने कहा कि कोरोना काल में किसान न केवल अन्नदाता बना बल्कि अभयदाता भी सिद्ध हुआ है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय के विषय विशेषज्ञों ने किसानों को विस्तार से प्रशिक्षण दिया। किसानों द्वारा भी पूछे गए प्रश्नों का विशेषज्ञों ने समाधानपूर्वक जवाब दिया। हिन्दुस्थान समाचार / उमेद-hindusthansamachar.in