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ऊमरी किले की खिडक़ी की ग्रिल काटकर सोने चांदी के जेवर ले उड़े चोर

गुना, 3 जून (हि.स.) । कभी गुलजार रहने वाले उमरी किले के सुनसान होने से चोरों ने किले में सेंधमारी कर डाली। उधर परिवार के सदस्य इंदौर में इलाज करा रहे थे और इधर चोरों ने नकदी सहित कई किलो चांदी पर हाथ साफ कर दिया। चोर अपने साथ अलमारी में रखी ब्रांडेड शराब की बोतलें भी चुरा ले गए। पुलिस का कहना है की संदेहियों की पहचान हो गयी है। जल्दी ही मामले का खुलासा कर दिया जायेगा। दरअसल मामला 16-21 मई के बीच का है। उमरी किले के छोटे राजा प्रबल प्रताप सिंह की तबियत खराब हुई तो उनके नाती उन्हें इंदौर इलाज कराने के लिए ले गए। उनकी पत्नी पहले से ही कोरोना का इलाज इंदौर में करा रहीं थीं। इस दौरान में किले पर केवल नौकर चाकर और रखवाली करने वाले लोग ही थे। 22 मई को जब परिवार के सदस्य किले पर लौटे तब उन्हें चोरी होने का पता चला। उमरी चौकी प्रभारी उत्तम सिंह ने बताया की 22 अप्रैल को पुलिस को चोरी होने की सूचना परिजनों ने दी। मौके पर पुलिस ने मुआयना किया। इस दौरान सामने आया की बड़ी कटर मशीन से खिड़की की ग्रिल काटी गयी और चोर अंदर घुसे। चोरों ने सीधे उसी अलमारी को निशाना बनाया जिसमें गहने और पैसे रखे रहते थे। परिजनों के अनुसार लगभग 20 लाख रुपए कीमती सामान गायब है। इसमें 10 चांदी के थाल, चांदी के लोटे आदि शामिल हैं। वहीँ कुछ इम्पोर्टेड शराब को बोतलें भी अलमारी में रखी हुईं थी, जिन्हें भी चोर अपने साथ ले गए। चौकी प्रभारी ने बताया की कर्मचारियों की कॉल डिटेल निकलवाई गयी है। संदेह के घेरे में कर्मचारी पुलिस डॉग से भी जब मुआयना कराया गया तो वह भी कर्मचारियों के बीच में ही घूमता रहा। उन्होंने कमरे में कुछ बिखराया नहीं। केवल उसी अलमारी को खोला जिसमें समान रखा था। यह बात तो घर में काम करने वाले नौकरों को ही पता रहती है कि कहाँ कौन सा सामान रखा हुआ है। एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने बताया की संदेहियों की पहचान हो गयी है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जायेगा। चूँकि केवल वही अलमारी तोड़ी गयी जिसमे सामान रखा हुआ रहता है , इस आधार पर प्रथम दृष्टया यह आशंका है कि किले पर रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा ही इस घटना को अंजाम दिया गया है। किला ऊपर पहाड़ी पर स्थित है, ऐसे में इतनी बड़ी कटर मशीन को वहां ले जाना आसान बात नहीं है। चोरों ने बाकी किसी चीज को नहीं छेड़ा। इससे पुलिस को शक है की घर के ही किसी व्यक्ति ने ये घटना की है। कभी किला रहता था गुलजार उमरी किले का भी अपना इतिहास रहा है। यह किला कभी काफी गुलजार हुआ करता था। प्रदेश के दो राजघरानों से इस किले की करीबियां रहीं। किले के राजा शिवप्रताप सिंह सिंधिया परिवार के करीबी हुआ करते थे। वहीँ उनकी पत्नी मधुसूदनगढ़ घराने से थीं , जो दिग्विजय सिंह के इलाके में आता है। इस लिहाज से उनकी दिग्विजय सिंह से भी करीबियां रहीं। वहीं दिग्विजय सिंह सरकार में शिवप्रताप सिंह मंत्री भी रहे। वे गुना विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे। प्रदेश सरकार में मंत्री रहने और दो बड़े घरानों के करीबी होने के नाते यहाँ एक समय लोगों की चहल पहल भी काफी बानी रहती थी। मंत्री होने के नाते प्रशासन की तमाम व्यवस्थाएं और प्रशासनिक अधिकारियों का भी खूब आना - जाना लगा रहता था। लेकिन उनकी मौत के बाद अब किला वीरान है। उनके छोटे भाई प्रबल प्रताप सिंह अब किले का जिम्मा संभाल रहे हैं , लेकिन वे भी अधिकतर बीमार रहने लगे हैं। ऐसे में बहुत कम समय ही ऐसा मौका होता है जब किले पर ज्यादा लोग मौजूद रहते हों। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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