the-flame-of-naxalism-is-burning-before-it-gets-extinguished-vishnudutt-sharma
the-flame-of-naxalism-is-burning-before-it-gets-extinguished-vishnudutt-sharma

बुझने से पहले भभक रही है नक्सलवाद की लौ: विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल, 06 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नक्सली हिंसा को जड़मूल से उखाड़ फेंकने के लिए जो कदम उठा रही है, प्रभावित राज्यों के सहयोग से जिस तरह के समन्वित प्रयास कर रही है, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि देश में नक्सलवाद और नक्सली हिंसा अब चंद दिनों की मेहमान है। नक्सलवाद की लौ अब भभकने लगी है और जल्द ही हमेशा के लिए बुझ जाएगी। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिये गए बयान को अर्थपूर्ण बताते हुए मंगलवार कही। प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा यह कहा जाना कि ‘नक्सलियों से अब शह-मात का नहीं, सिर्फ मात का खेल होगा’, कोई भावुक बयान नहीं है। बल्कि यह बयान उस ठोस कार्ययोजना के आधार पर दिया गया है, जो केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद नक्सलवाद की समाप्ति के लिए तैयार की है। शर्मा ने कहा कि वर्ष 2015 से 2020 के बीच नक्सली हिंसा की घटनाओं में 47 प्रतिशत, इन घटनाओं में हताहत होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या में 65 प्रतिशत तथा जान गवांने वाले आम नागरिकों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है। दूसरी तरफ सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने वाले नक्सलियों की संख्या में 26 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सिर्फ नक्सली घटनाओं की तीव्रता में कमी नहीं आई है, बल्कि नक्सलियों का दायरा भी लगातार सिकुड्ता जा रहा हे। वर्ष 2010 में देश के 95 जिले और 464 पुलिस स्टेशनों तक नक्सलवाद फैला हुआ था, जबकि वर्ष 2020 में यह घटकर 53 जिलों और 226 पुलिस स्टेशनों तक आ गया है। वहीं, श्री शर्मा ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ मोदी सरकार दोतरफा प्रयास कर रही है। एक तरफ संबंधित राज्यों के सहयोग से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के काम शुरू किए गए हैं, तो दूसरी तरफ सुदूर वन क्षेत्रों तक सुरक्षा कैंप स्थापित कर नक्सलियों की गतिविधियों पर रोक लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री जी के बयान से स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में नक्सलवाद और नक्सली हिंसा के खिलाफ यह लड़ाई और तेज होगी तथा नक्सलवाद का कलंक जल्दी ही बीते जमाने की चीज बनकर रह जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे/मयंक

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in