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कोविड महामारी का सर्वनाश करने के लिए सभी सतर्कता बरतें

हरदा, 21 मई (हि.स.)। कोविड-19 की महामारी दूसरी लहर में खौफनाक हो चुकी है। मगर हौसला रखकर कार्य करें तो हमारे लिए यह जंग जीतना अधिक कठिन नहीं है। इसके पहले भी हमने कालरा, प्लेग, हैजा और टीबी जैसी कई महामारियों पर जीत हासिल की है। इसलिए बीमारी से डरें नहीं, बल्कि लड़ें। यह हमारी परीक्षा की घड़ी है। यदि हमने कोविड की गाइडलाइन व लॉकडाउन का पालन किया तो इसकी रफ्तार थम जाएगी। हमें इसका सर्वनाश करना है ताकि बीमारी की तीसरी लहर न आए। इसको लेकर प्रशासन के अधिकारी गाइडलाइंस का प्रचार-प्रसार कर वायरस की चेन तोड़ने हेतु जागरूक कर रहे हैं। जिला पंचायत के मुख्य लेखापाल मुकेश विश्वकर्मा ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए हम सभी अपना वैक्सीनेशन कराने पर ध्यान दें। टीका लगने के बाद इसका वायरस इतना घातक नहीं होगा। यह इतना सूक्ष्म है कि आंखों से दिखाई नहीं देता, इसलिए गाइडलाइन का पालन कर हम इससे बच सकते हैं। यदि हम अपने घरों में रहे और बाहर जाने पर मास्क लगाएं तो इससे बचा जा सकता है। यह देखने में आया है कि लोग पुलिस से बचने के लिए मास्क लगा लेते हैं और बाद में हटा लेते हैं। ऐसे में पुलिस से तो बच जाओगे पर बीमारी से नहीं बच सकोगे। इसके लिए सभी को ईमानदारी से मास्क लगाना है। जब तक हमारे पास दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं है। याद रखें दवाएं महंगी होने से यह हमारी सामान्य पहुंच से दूर हो चुकी है। हमारी इसी छोटी लापरवाही हमारे पूरे समाज पर भारी पड़ सकती है। सभी सतर्क रहकर काम करें और अपने साथ दूसरों को भी बचाएं। जन अभियान परिषद की जिला समन्वयक डॉक्टर सुप्रीत यादव ने कहा कि जब तक दवा नहीं है तब तक कोई ढिलाई न बरतें। एक अनार और सौ बीमार होने से ये दवाएं और सुविधाएं एक साथ सबको मिलना मुश्किल है। हमें चाहिए कि हम भीड़ और सार्वजनिक कार्यक्रमों में जानें से बचें। ऐसा करके हम समाज में कोरोना का संक्रमण होने से रोक लेंगे। तेजी से फैल रही बीमारी पूरी सोसायटी को चपेट में ले रही है। इससे लोग असमय जान गंवा रहे हैं। हमें इससे बचने के लिए कुछ सामान से नियमों का पालन करना होगा। इससे वायरस का असर कम होगा। इसलिए कुछ दिनों तक घरों पर रहकर बीमारी से बचें। रहटगांव के छात्रावास अधीक्षक रामकृष्ण चौहान ने कहा कि इस बीमारी से हम लोग खुद को बचाएं। इससे हम दूसरों को भी बचा लेंगे। जब तक फिजीकल डिस्टेंस नहीं रहेगी हम इस वायरस फैलने से नहीं रोक सकेंगे। इसलिए भीड़ से बचें। उन्होंने कहा कि आज घरों में रहना ही सबसे अधिक सुरक्षित उपाय है। इस तरह हम इसके वायरस को फैलने से रोक सकते हैं। इसका इमानदारी से पालन करें तो यह बीमारी कंट्रोल हो जाएगी। मास्क लगाकर रहना ठीक उपाय है। मगर इसका इमानदारी से पालन करना होगा तभी हमें अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। सेवानिवृत्त शिक्षक जेपी गौर ने कहा कि शहरों और गांवों दोनों स्थानों पर यह बीमारी फैल चुकी है। आज कोई भी जगह सुरक्षित नहीं रही। मगर इस बीमारी से डरें नहीं बल्कि इससे बचा जाए। गांवों में बीमार को समय पर जांच कराने की समस्या है। यहां डाक्टरों तक मरीज को ले जाने में देर होना ही समस्या का कारण है। जब तक उसे अस्पताल लाते हैं तब तक यह खतरनाक रूप ले लेती है। इसे देखते हुए सभी को इससे बचना है। यह बीमारी हमारे गांव और घरों में बाहर से आ रही है। इसलिए बिना वजह घर से बाहर न जाएं और बाहरी लोगों को अपने यहां न आने दें। फिजीकल डिस्टेंस और मास्क लगाने पर ध्यान दिया तो वायरस से बचा जा सकता है। यदि कुछ माह हम गाइड लाइन पर ध्यान देते हैं तो समाज को भी बचा सकते हैं। इस तरह जिले के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ आम समाजसेवी नागरिक लोगों को समझाइश देकर कोरोना बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद सोमानी

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