MP में हड़तालों का दौर शुरू, नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल से परेशान हुए मरीज, अब फार्मासिस्ट भी नहीं करेंगे काम

MP में हड़तालों का दौर शुरू, नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल से परेशान हुए मरीज, अब फार्मासिस्ट भी नहीं करेंगे काम

MP News: आंदोलनकारी नर्सिंग स्टाफ ग्रेड पे, नाइट एलाउंस, नर्सिंग स्टूडेंट्स का स्टायपेंड बढ़ाने जैसी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

भोपाल, हिन्दुस्थान समाचार। मध्य प्रदेश में वैसे तो शासकीय कर्मचारियों एवं अन्य संविदा तथा नियमित काम के आधार पर रखे गए कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना कोई नई बात नहीं है, साल भर यह आरोप-प्रत्यारोप, विरोध प्रदर्शन का दौर चलता रहता है, लेकिन जब-जब विधानसभा सत्र आहूत होता है, तब इसमें तेजी से उछाल आ जाता है। कई शासकीय कर्मचारी संगठनों के हड़ताल पर बैठने, फिर शासन का रूठों को मनाने और विपक्ष द्वारा समस्या को भुनाने का दौर शुरू हो जाता है।

हमें तो अपनी मांगे मनमानी है

दरअलस, मानसून सत्र शुरू होते ही राजधानी भोपाल में हड़ताल का यह दृष्य फिर से जीवंत हो उठा है, जनता परेशान है, किसी को कोई चिंता नहीं, हमें तो अपनी मांगे मनमानी है और सरकार का विरोध करना है। इन दिनों भोपाल में यही स्थिति बनती दिख रही है। नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन की सोमवार से शुरू हुई हड़ताल का असर पूरे प्रदेश में देखा गया और मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। राजधानी भोपाल में भी सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। वहीं, आज से फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। ऐसे में मरीजों की परेशानी और भी बढ़ सकती है।

छोटे-बड़े ऑपरेशन टालने पड़े

उल्लेखनीय है कि आंदोलनकारी नर्सिंग स्टाफ ग्रेड पे, नाइट एलाउंस, नर्सिंग स्टूडेंट्स का स्टायपेंड बढ़ाने जैसी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस हड़ताल के चलते राजधानी भोपाल में 10 से ज्यादा छोटे-बड़े ऑपरेशन टालने पड़े। मंगलवार से सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की परेशानी और बढ़ने की आशंका है क्योंकि, मंगलवार से फार्मासिस्ट भी हड़ताल पर जा रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो यहां मरीजों को न तो दवा काउंटर से दवाएं मिल पाएंगी और न वार्डों में पट्टी बांधने और इंजेक्शन लगाने जैसी सुविधाएं मिल पाएंगी।

फार्मासिस्ट आंदोलन करने पर मजबूर

दूसरी ओर फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अंबर चौहान का कहना है कि हम अपनी मांगों के संबंध में कई बार जिम्मेदारों से मिलकर बात कर चुके हैं। हर बार आश्वासन दिए जाते हैं। यही वजह है कि फार्मासिस्ट आंदोलन करने पर मजबूर हैं। वेतनमान, पदनाम परिवर्तन, संचालनालय निर्माण जैसी जायज मांगें मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों के संज्ञान में ला चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती है। यही वजह है कि अब मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।

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