story-of-indu-singh-struggled-with-corona-for-30-days-and-returned-home-after-defeating-her
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इंदू सिंह की कहानी, 30 दिनों तक कोरोना से संघर्ष किया और उसे हराकर सकुशल घर लौटीं

-साहस और सकारात्मक सोच ने बनाई - 55 वर्षीय इंदू सिंह के जीतने की राह भोपाल, 06 मई(हि.स.)। भोपाल के नेहरू नगर, पुलिस लाइन निवासी 55 वर्षीय इंदू सिंह कोरोना संक्रमण से गंभीर स्थिति में भोपाल के एक निजी अस्पताल में आज से 30 दिन पूर्व भर्ती हुईं थीं। पहले 5 दिन ऑक्सीजन सपोर्ट और फिर आईसीयू वार्ड में 20 दिन तक वेंटीलेटर पर रहकर जीवन-मृत्यु से संघर्ष किया। इस संघर्ष के सारथी बने भोपाल केयर अस्पताल के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सेज। अंततः श्रीमती इंदू सिंह इस संघर्ष को पार कर गुरुवार अपने घर खुशी-खुशी लौटी हैं। सिंह कहती है कि यहां के चिकित्सक अत्यंत सहयोगी है और उनकी देख-भाल एवं उपचार से ही वे ठीक होकर जा रही हैं। उन्होंने डॉ. केदार तिवारी, डॉ. निनाद गद्रे एवं अन्य समस्त स्टाफ को स्वस्थ होकर घर जाते समय धन्यवाद दिया। श्रीमती सिंह ने बताया कि वह 6 अप्रैल को कोरोना पॉजीटिव होने के बाद गंभीर अवस्था में भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती हुईं। जब वह भर्ती हुई तो उनका ऑक्सीजन सेच्यूरेशन मात्र 85 था जो धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण के कारण 65 तक पहुँच गया जो बहुत गंभीर अवस्था मानी जाती है। उन्होंने कहा कि मेरे अंतर मन का विश्वास, साहस और कोरोना से जीतने के जज्बे ने मुझें 30 दिनों तक चली, जिदंगी और मौत की संघर्ष की दास्ता के बाद अंतत: जीत मिली और मौत हारी। वे बताती हैं कि अपने हौसले, आत्म विश्वास और साहस से कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को मात दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि जब वह कोरोना पॉजीटिव होने के उपरांत अस्पताल में भर्ती हुईं तब प्रारंभ से ही तय कर लिया था कि उन्हें यहाँ से ठीक होकर ही लौटना है। इसके लिए मैंने पूरी तरह से सकारात्मक सोच और जीतने की चाह मन में रखी। इसी का परिणाम रहा है कि आज मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई है और मैं अस्पताल से पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा रही हूँ। हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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