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निजी कंपनियों से महंगी बिजली लेने का हो रहा है खेल, श्वेत पत्र जारी हो: अजय सिंह

भोपाल, 27 मई (हि.स.)। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की निजी बिजली कम्पनियों से सांठ-गांठ स्पष्ट नजर आ रही है। विद्युत मंडल के बिजली घरों में जानबूझ कर निर्धारित क्षमता की एक तिहाई बिजली बनाई जा रही है। यह सब खेल जानबूझ कर किया जा रहा है ताकि महँगी बिजली खरीदकर निजी कंपनियों को बेजा फायदा पंहुचाया जा सके। जाहिर है कि इससे व्यक्तिगत हित भी सध रहे होंगे। अजयसिंह ने कहा कि शिवराज सिंह बताएं कि बिजली उत्पादन केवल 18 सौ मेगावाट के आसपास क्यों किया जा रहा है जबकि हमारी क्षमता थर्मल इकाइयों से 54 सौ मेगावाट बिजली बनाने की है। जरुर दाल में कुछ काला है। वे मध्यप्रदेश की जनता को सच- सच बताएं कि यह खेल कब से चल रहा है। पिछले एक साल में प्रतिदिन औसतन कितने मेगावाट बिजली बनाई गई। एक मेगावाट की लागत कितनी आती है और एक मेगावाट खरीदी गई बिजली की कीमत कितनी होती है। दोनों की कीमत में कितने रुपयों का अंतर है? इस तरह साल भर में तय सीमा से कितनी ज्यादा बिजली निजी कंपनियों से खरीदी गई। पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कि संजय थर्मल पावर बिरसिंहपुर की कुल 420 मेगावाट की दो यूनिट तो पूरी तरह ठप्प हैं। बाकी तीन यूनिट में केवल 6 सौ मेगावाट के लगभग ही बिजली बन रही है जबकि यहाँ की कुल क्षमता 1340 मेगावाट है। यही हाल सतपुड़ा थर्मल पावर सारणी के हैं। यहाँ चार यूनिट बंद हैं, केवल दो चालू हैं। इनमें केवल 300 मेगावाट बिजली बन रही है जबकि कुल क्षमता 1330 मेगावाट है। लगभग 1030 मेगावाट कम बिजली बन रही है। इसके अलावा संत सिंगाजी थर्मल खंडवा में भी दो यूनिट बंद रखी गई हैं और बाकी दो में 713 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। जबकि इस पावर स्टेशन की कुल क्षमता 2520 मेगावाट है। अजयसिंह ने मांग की है कि शिवराजसिंह बिजली उत्पादन और निजी कम्पनियों से पिछले एक साल में खरीदी गई बिजली के सम्बन्ध में तत्काल एक श्वेत पत्र जारी करें ताकि जनता के सामने पूरे खेल का खुलासा हो सके। उसमें यह भी बताया जाए कि विद्युत् मंडल की यूनिटें कब से और क्यों बंद हैं। उन्हें चालू करने के प्रयास क्यों नहीं किये गये। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय

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