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उज्जैन में ब्लेक फंगस के लिए एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन बंटना शुरू

उज्जैन, 20 मई (हि.स.)। ब्लेक फंगस का सही उपचार उज्जैन में शुरू हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा गठित कमेटी द्वारा 50 मिग्रा के इंजेक्शन: एम्फोटेरेसिन-बी मंगवाना शुरू कर दिया गया है। कल 37 इंजेक्शन आए,जिन्हे रेमडेसिविर इंजेक्शन की तर्ज पर हॉस्पिटल्स द्वारा दी गई सूची अनुसार बांटा गया। गुरूवार को भी इंजेक्शन करीब 100 इंजेक्शन बांटे गए। एक मरीज को 6 इंजेक्शन प्रतिदिन का डोज रहता है। करीब 60 इंजेक्शन लगाए जाते हैं,तब जाकर फंगस समाप्त होती है। वरिष्ठ नैत्र रोग सर्जन डॉ.सुधाकर वैद्य के अनुसार ब्लेक फंगस के उपचार में 40 प्रतिशत काम सर्जरी का होता है और 60 प्रतिशत काम एम्फोटेरेसिन-बी,50 मिग्रा इंजेक्शन का होता है। एक मरीज को कुल 60 इंजेक्शन लगते हैं,जोकि रोजाना के तय कोर्स अनुसार होते हैं। यही दवाई फंगस को ब्रेन तक जाने से रोकती है और जबड़े,सायनेसाइस आदि को गलने से बचाती है। चूंकि अभी तक उक्त इंजेक्शन नहीं आए थे,अत: एंडोस्कोप से सर्जरी के माध्यम से 25 नए मरीजों के फंगस के टिश्यू निकाले गए। इंजेक्शन के अभाव में गहराई तक जमा फंगस समाप्त नहीं कर सके थे। अब काम आसान हो जाएगा। इस संबंध में चर्चा करने पर ड्रग इंस्पेक्टर धर्मसिंह कुशवाह ने कहाकि कलेक्टर द्वारा गठित कमेटी उक्त इंजेक्शन का इंतजाम कर रही है। कल पहली बार 37 इंजेक्शन आए, जिन्हे मरीजों में बांटा गया। रेमडेसिविर इंजेक्शन की तर्ज पर क्रिटिकल मरीजों की मेडिकल कॉलेज,हास्पिटल्स से प्राप्त अधिकृत सूची मिलने पर संबंधितों को इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। यह सिलसिला जारी रहेगा। जल्द ही इस दवाई की कमी को दूर कर लिया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ललित/राजू

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