Seoni News: 123 बाघों वाले पेंच नेशनल पार्क में इतनी है चीतलों की संख्या, जो बढ़ा रही सुंदरता

Seoni News: विश्वविख्यात पेंच नेशनल पार्क में 2022 की गणना के अनुसार 77 बाघ हैं। वहीं 46 बाघ ऐसे हैं, जो क्षेत्रीय वनमंडल तथा कारीडोर होने के कारण पेंच नेशनल पार्क का उपयोग करते हैं।
Seoni News: 123 बाघों वाले पेंच नेशनल पार्क में इतनी है चीतलों की संख्या
Seoni News: 123 बाघों वाले पेंच नेशनल पार्क में इतनी है चीतलों की संख्या

सिवनी, हि.स.। विश्वविख्यात पेंच नेशनल पार्क में 2022 की गणना के अनुसार 77 बाघ हैं। वहीं 46 बाघ ऐसे हैं, जो क्षेत्रीय वनमंडल तथा कारीडोर होने के कारण पेंच नेशनल पार्क का उपयोग करते हैं। इस प्रकार कुल 123 बाघ हैं। पेंच पार्क से अफ्रीकन चीतों के लिए लगभग 3500 चीतल कूनो भेजे जाने के बाद भी पेंच पार्क में 50 हजार से अधिक चीतल पेंच पार्क की सुंदरता को बढा रहे हैं।

प्रवासी पक्षियों का लगा रहता है जमघट

अपनी जैव विधिधता के लिए विख्यात पेंच नेशनल पार्क में लगभग 325 प्रजातियों के पक्षी भी वर्ष के विभिन्न मौसमों में देखे जा सकते है। पार्क की सीमा के अंदर स्थित तोतलाडोह जलाशय के डूब क्षेत्रों में ठंड के मौसम में कई प्रकार के प्रवासी पक्षियों का जमघट लगा रहता है। प्रवासी पक्षियों में ब्राह्मणी बत्तख, पिनटेल,सीटी बजाती हुई चैती,वेग्टेल इत्यादि प्रमुख हैं जो पर्यटकों का मन मोह लेती है और प्रकृति के सौदर्य को और सुहावना बनाती है।

बाघों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई

पेंच टाईगर रिजर्व से मिली जानकारी के अनुसार मांसाहारी वन्यप्राणियों में पिछले 12 वर्षो में पेंच टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। वर्ष 2011 में पेंच में 23 बाघ थे जो वर्ष 2014 में 43 हुए वहीं वर्ष 2018 में 61 और 2022 में 77 हो गए हैं। इसी प्रकार टाईगर रिजर्व में लगभग 150 के करीब तेंदुए हैं।

12 वर्षो में गौर की संख्या भी बढ़ रही

शाकाहारी वन्यप्राणियों में पिछले 12 वर्षो में गौर की संख्या भी बढ़ रही है। वर्ष 2011 में यहां 2013 गौर थे, जो 2014 में घटकर 1240 हो गए। इसके बाद 2018 में इनकी संख्या 3597 हुई और 2021 में 3758 हो गई है। इसी प्रकार सांभर वर्ष 2011 में 4209 थे जो वर्ष 2014 में 4758 हुए। वर्ष 2018 में 6350 और वर्ष 2021 में 7389 हो गये हैं। इसी क्रम में चीतल वर्ष 2011 में 49249 थे, वर्ष 2012 में 69260 हुए तथा वर्ष 2014 में घटकर 36862 हो गए। वहीं वर्ष 2018 में 53298 और वर्ष 2021 में 50828 हो गए। पेंच टाईगर रिजर्व से लगभग 3500 चीतल कूनों भेजे गये हैं।

टाईगर रिजर्व में वर्ष 2011 में 1958 थीं नीलगाय

टाईगर रिजर्व में वर्ष 2011 में 1958 नीलगाय थीं, जो वर्ष 2014 में घटकर 1253 हो गई। 2018 में 3465 हुई और 2021 में 2914 हो गई। इसी प्रकार पेंच नेशनल पार्क में लगभग 500 भेडकी हैं। टाईगर रिजर्व में वर्ष 2011 में 6638 जंगली सुअर थे, जो वर्ष 2014 में घटकर 3658 हो गए। वर्ष 2017 में उत्तरोत्तर वृद्धि होने के साथ 14421 और वर्ष 2018 में 10204 हो गए। वर्ष 2021 में 7804 सुअर पाए गए हैं। इसी प्रकार पेंच टाईगर रिजर्व में वर्ष 2021 के अनुसार लंगूर लगभग 43511 है।

जंगली सुअर मारना प्रतिबंधित

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में जंगली सुअर मारना प्रतिबंधित है। शाकाहारी वन्यप्राणियों की श्रेणी में आने वाले जंगली सुअर अधिकांशत: किसानों की फसलों की चौपट करते हैं। जिले के पेंच टाईगर रिजर्व सहित क्षेत्रीय, कारपोरेशन वन विभाग में सबसे अधिक वन अपराध जंगली सुअर से संबंधित दर्ज हैं। इसी प्रकार मांसाहारी वन्यप्राणियों की बात करें तो कम क्षेत्रफल व उत्तरोत्तर वृद्धि होने के कारण बाघ पेंच नेशनल पार्क के बाहरी क्षेत्रों में अक्सर दिखाई देते हैं।ज्ञात हो कि पेंच टाईगर रिजर्व में मांसाहारी वन्यप्राणी में बाघ, तेन्दुआ, जंगली बिल्ली, जंगली कुत्ते, लकडबग्घा, सियार, लोमडी, भेडिया, नेवला, सिवेट केट इत्यादि पाते जाते है। वहीं शाकाहारी प्रजातियों में गौर, नीलगाय, सांभर, चीतल, चौसिंगा, चिंकारा , जंगली सुअर इत्यादि प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in