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दुकानों की सीलिंग और चालान काटना बंद हो, आपदा में गिद्ध ना बने प्रदेश सरकार: तरुण भनोट

भोपाल, 3 जून (हि.स.)। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा है कि कोविड-19 को फैलने से रोकना निश्चित तौर पर बहुत जरूरी है और इसके लिए बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराना भी बेहद आवश्यक है। लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल के नाम पर छोटे दुकानदारों का उत्पीडऩ करना एकदम गलत है। उन्होंने कहा कि राज्य के अलग-अलग शहरों से जो सूचनाएं मिल रही हैं, उन्हें देखकर ऐसा लगता है, जैसे राज्य सरकार छोटे दुकानदारों के चालान काटकर और दुकानें सील करके मोटी रकम वसूली कर राजस्व उगाही करना चाहती है। वहीं छोटे दुकानदारों को बुरी तरह से भयभीत करना चाहती है और ऐसा माहौल बनाना चाहती है ताकि सरकारी अफसर और कर्मचारी कोविड-19 प्रोटोकॉल के नाम पर दुकानदारों का उत्पीडऩ कर सकें। पूर्व मंत्री ने कहा कि बीते 2 जून को ही सिर्फ भोपाल में 319 दुकानें सील की गई और 208 दुकानों पर जुर्माना लगाया गया। इसी तरह की स्थिति दूसरे शहरों में भी है, जबकि सरकार और अधिकारियों को साफ पता है कि पिछले 1 महीने से लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद रहने से व्यापारियों को बहुत ज्यादा घाटा हुआ है। उनके यहां काम करने वाले छोटे कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। राज्य सरकार गिद्ध की तरह आपदा में राजस्व कमाने का अवसर खोजने में लगी है। लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि बाजार खोलने के नियम एकदम स्पष्ट बनाए जाएं और अगर कोई दुकानदार भूल से नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे समझाइश दी जाए, लेकिन किसी भी सूरत में चालान काटना या सीलिंग करना मध्य प्रदेश को पुलिस स्टेट बना देने के बराबर है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान यह भी देखा गया है कि पुलिस ने आम नागरिकों और यहां तक कि मरीजों के साथ तक ज्यादती की है। एक लोकतांत्रिक देश में किसी भी सूरत में नागरिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। अगर सरकार ने छोटे व्यापारियों का उत्पीडऩ नहीं रोका तो कांग्रेस का कार्यकर्ता जमीन पर उतर कर हर तरह के संघर्ष के लिए तैयार है। बेहतर होगा सरकार ऐसी स्थिति ना आने दे। हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा पाण्डेय / उमेद

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