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बारिश ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी गेहूं और टमाटर की फसल प्रभावित

अनूपपुर, 02 मई (हि.स.)। अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड में रविवार 2 मई की दोपहर आधा दर्जन गांव में आफत के रूप में ओलावृष्टि बरसी। लगभग 5 मिनट तक ऑवला आकार की ओलावृष्टि से खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसलों के साथ टमाटर की फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि की चोट में जहां गेहूं की बालियों से दाने के झड़े वहीं पेड़ों के तने भी टूटने की आशंका जताई जा रही है। जबकि पुष्पराजगढ़ में सबसे अधिक उत्पादित होने वाला टमाटर के पौधों में लगी फूल और फल भी प्रभावित हुए हैं। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई है। बताया जाता है कि रविवार की दोपहर अचानक मौसम में बदलाव आया और देखते ही देखते हल्की बूंदाबांदी के साथ पोंडी, बरसोत, पोंडकी, लालपुर, किरगाही सहित आसपास के कुछ गांवों में ओलावृष्टि होने लगी। हालांकि आसमान में अभी काले बादला छाए हुए हैं और हल्की तेज हवाएं चल रही है। सम्भावना है कि रात के समय आंधी के साथ बारिश भी हो सकती है। फिलहाल ओलावृष्टि से आधा दर्जन गांव के किसानों के माथे पर बल पड़ गया है। किसानों का कहना है कि इससे पूर्व भी इस क्षेत्र में ओलावृष्टि और लगातार बारिश के कारण तैयार गेहूं, अरहर, चना, मसूर की फसल को अधिक नुकसान हुआ था। पिछले एक सप्ताह से मौसम में गर्माहट होने के कारण अब फिर से कटाई और गहाई की जा रही थी। जिले में एक माह विलम्ब से रबी की फसल की वुबाई होने के कारण विलम्ब से फसलें तैयार होती है। इससे अप्रैल माह का पूरा समय फसलों को तैयार होने में लग जाता है, लेकिन इस सीजन के दौरान आंधी और ओलावृष्टि का खतरा अधिक बना रहता है। पोंडी फार्म में खड़ी सैकड़ो एकड़ में गेंहूं की फसल बताया जाता है कि पोंडी, बरसोत, पोंडक़ी, लालपुर, किरगाही सहित आसपास के कुछ गांवों में हुई ओलावृष्टि में पोंडी फार्म सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। पोंडी फार्म लगभग 1000 एकड़ में फैली है, जिसमें गेहूं की लगी फसल में आधा से कम की कटाई हो सकी है। इसके अलावा गांवों में किसानों की लगी गेहूं की फसलें भी हैं, जिनमें अधिकांश गेहूं की कटाई के बाद खेतों में पसही या खलिहान में गहाई के लिए रखी हुई है। जबकि ओला प्रभावित इन पांच गांवों में ही सबसे अधिक टमाटर फसल की पैदावार होती है, जिनमें ओलावृष्टि से इनके फूल झड़ गए हैं। साथ ही पौधों में लगे फल भी चोटिल हो गया, जो जल्द ही खराब हो जाएगा। किसानों का कहना है कि टमाटर की खेती पोंडकी से लेकर जोहिला के किनारे राजेन्द्रग्राम तक होती है, जिसमें रोजाना एक टक टमाटर उत्पादन होता है। 25.27 हेक्टयेर में मोटे अनाज की पैदावार विभागीय जानकारी के अनुसार अनाज के लिए 32.57 हेक्टेयर, दलहन के लिए 37.30 हेक्टेयर, तिलहन के लिए 17.70 हेक्टेयर रकबा निर्धारित किया गया था। जिसमें अनाज में 25.27 हेक्टेयर, दलहन में 35.66 हेक्टेयर, इनमें चना 14.30 हजार हेक्टेयर, मटर 3.30 हजार हेक्टेयर, मसूर 18.06 हजार हेक्टेयर में है। जबकि तिलहन में 17.25 हेक्टेयर की पूर्ति हुई। इस प्रकार 87.59 हेक्टेयर में 78.18 हेक्टेयर पर रबी उपजा है हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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