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एलएमओ पहुंचते ही जैतहरी ऑक्सीजन प्लांट से उत्पादन शुरू,16 टन क्यूबिक मीटर पहुंचा

अनूपपुर, 01 मई (हि.स.)। पिछले 10 दिनों से एलएमओ (लिक्विड) कैंटेनर के अभाव में बंद महर्षि एयर सॉल्यूशन ऑक्सीजन प्लांट जैतहरी को 16.5 टन लिक्विड की संजीवनी मिल गई है। जिससे एक बार फिर जैतहरी ऑक्सीजन प्लांट उत्पादन के लिए तैयार हो गया है और सिलेंडर की रिफिलिंग 01 मई से आरम्भ हो गई है। वर्तमान उपलब्ध हुए एलएमओ लिक्विड से प्लांट लगभग 1700 जैंबो सिलेंडर की रिफिलिंग की जा सकेगी। यहीं नहीं ऑक्सीजन प्लांट प्रबंधक ने प्लांट बंद न हो इसके लिए अतिरिक्त 16 टन क्षमता की खाली टैंकर की भी व्यवस्था बनाया है, जिसे भिलाई के लिए रवाना करते हुए लिक्विड की डिमांड सम्बंधित कंपनी को सौंप दी है। यह टैंकर जल्द ही उत्पादन के लिए लिक्विड लेकर प्लांट पहुंचेगा, जिसमें प्लांट से उत्पादन काम निर्बाध जारी रहेगा। बताया जा सकता है कि कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की समस्या से जूझ रहे गम्भीर मरीज और किल्लत की पूर्ति में परेशान अनूपपुर जिला प्रशासन को अब प्राणवायु संजीवनी मिल गई है। महर्षि एयर सॉल्यूशन ऑक्सीजन प्लांट भास्कर मिश्रा ने बताया कि 20 टन (केएल)क्षमता की ऑक्सीजन प्लांट अब फिलहाल लिक्विड की कमी में बंद नहीं होगी। इसके लिए वर्तमान में उड़ीसा से 1605 टन क्यूबिक मीटर क्षमता की एक एलएमओ टैंकर को मंगवाया गया है। इससे लगभग 1700 जैंबो सिलेंडर की रिफिलिंग की जा सकेगी। 29 अप्रैल की रात से प्लांट में लगातार सिलेंडर की रिफिलिंग का काम किया जा रहा है, ताकि अनूपपुर सहित आसपास के स्वास्थ्य केन्द्रों या जरूरतमंदो को ऑक्सीजन आपूर्ति कराया जा सके। इसके अलावा 16 टन क्षमता की अतिरिक्त खाली टैंकर जिसे दिल्ली से मंगवाया गया है, उसे ऑक्सीजन लिक्विड के लिए भिलाई भेजा गया है। ज्ञात हो कि जैतहरी स्थित खूंटाटोला में स्थापित महर्षि एयर सॉल्यूशन ऑक्सीजन प्लांट को पर्याप्त मात्रा में एलएमओ(लिक्विड) उपलब्ध नहीं होने के कारण यह 20 अप्रैल से पूरी तरह बंद था। ऑक्सीजन प्लांट में प्रतिदिन लगभग 500 जैंबो ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल किए जाने की क्षमता है। लेकिन एलएमओ केमिकल्स की उपलब्धता नहीं होने से अनूपपुर तथा शहडोल जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति यहां से बंद कर दी गई थी। गुजरात से नहीं मिला एलएमओ टैंकर जैतहरी ऑक्सीजन प्लांट 20000 क्यूबिक मीटर क्षमता का प्लांट है। एलएमओ(लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) के लिए प्लांट संचालक को भिलाई,नागपुर, उड़ीसा तथा गुजरात के केमिकल्स सप्लायर पर निर्भर रहना पड़ता है। एलएमओ के लिए प्रबंधक ने 6 माह पूर्व गुजरात की सुपर क्रायोनिक सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को अक्टूबर माह में निर्धारित राशि जमा करते हुए इसे प्रदान करने की मांग की गई थी। लेकिन अभी तक टंकर कंपनी को नहीं मिल पाई थी। मंत्री और प्रशासन नहीं निकल सके हल बताया जाता है कि एलएमओ कैंटेनर के लिए अनूपपुर जिला प्रशासन के साथ बालाघाट प्रशासन भी व्यवस्था में लगी थी, यहीं नहीं प्रदेश खाद्य मंत्री भी मामले में रूचि दिखा रहे थे। लेकिन प्लांट प्रबंधक की बार बार अपील में मंत्री और प्रशासन व्यवस्था नहीं बना सके। बताया जाता है कि कोरोना के कारण मंगवाया गया कैंटेनर महंगा मिला है। लेकिन प्रबंधक इसे वर्तमान जरूरत के लिए बड़ी सफलता बता रहे हैं। जैतहरी ऑक्सीजन प्लांट संचालक भास्कर मिश्रा ने बताया कि मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है, प्रशासन परेशान है। उड़ीसा से व्यवस्था बनाकर प्लांट को फिर से चालू कर दिया गया है। अब जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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