Madhya Pradesh News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे मध्यप्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधि

आज यानि 12 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मध्यप्रदेश के दौरे पर रहेंगी। यहां वे विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधि से मुलाकात करने वाली है।
Special Backward Tribe Meet
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क/ (हिन्दुस्थान समाचार)। मध्य प्रदेश की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (पीवीटीजी) के 65 प्रतिनिधियों को आज राष्ट्रपति भवन, नवनिर्मित संसद भवन और अमृत उद्यान के भ्रमण का अवसर मिलेगा। वे राष्ट्रपति भवन में होने वाले विशिष्ट पिछड़ी जनजाति सम्मेलन (पीवीटीजी मीट) में शामिल होंगे। इसमें मध्यप्रदेश की बैगा जनजाति के 24, सहरिया के 20 और भारिया के 21 प्रतिनिधि हैं, जिनमें 13 महिलाएं भी शामिल हैं।

देश मे 1400 से ज्यादा जनजातीय के लिए भोजन बनेगा

जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने बताया कि इन प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का अवसर भी मिलेगा। यह कार्यक्रम कर्तव्य पथ स्थित डॉ. आम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में होगा। देशभर से आए लगभग 1456 जनजातीय बंधुओं के लिए यहां भोज भी होगा।

सांस्कृतिक पहचान को आगे बढ़ाने की दिशा में अनूठी पहल

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के बैगा समुदाय की परधौनी नृत्य प्रस्तुति भी होगी। मध्यप्रदेश के लिए इस प्रवास का समन्वय जनजातीय कार्य विभाग के विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (पीवीटीजी) प्रभाग द्वारा किया जा रहा है। मप्र जनजातीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि यह आयोजन देश व मध्य प्रदेश के जनजातीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान को आगे बढ़ाने की दिशा में अनूठी पहल होगी।

राष्ट्रपति के स्वागत में विशेष तैयारी

मध्य प्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के तामिया और पातालकोट के विशिष्ट पिछड़ी जनजाति भारिया के निवासी राष्ट्रपति के लिए वहां की विशिष्टता छिंद का मोर-मुकुट बनाकर ले गए हैं। वे पातालकोट की कंदराओं में पाए जाने वाली 24 तरह की दुर्लभ व विशिष्ट जड़ी-बूटियां और खाद्य सामग्री भी बतौर उपहार ले गए हैं। इसमें पातालकोट का प्राकृतिक शहद, अचार, चिरौंजी, गुल्ली, महुआ, बल्हर बीज, हर्रा, सवॉ, कुटकी और गुठली आम आदि शामिल है।

जनजातीय बंधुओं को भोज एवं फोटो खिंचवाने का अवसर भी मिलेगा

छिंदवाड़ा के पातालकोट की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति भारिया के बंधु इस कार्यक्रम में 'पातालकोटवासी है आदिवासी...', 'बारह गांव घूमना गारे...' और 'धीरे-धीरे जाइस दूधी नदी...' गीत भी सुनाएंगे। वहीं, सेंट्रल लॉन में राष्ट्रपति के साथ प्रदेश के इन जनजातीय बंधुओं को भोज एवं फोटो खिंचवाने का अवसर भी मिलेगा।

जनजातीय बंधु प्रतिभागिता कर रहे हैं

पीवीटीजी सम्मेलन एवं दो दिवसीय प्रवास में मध्य प्रदेश के 14 विशिष्ट जनजाति बाहुल्य जिले छिन्दवाड़ा, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी और मंडला के जनजातीय बंधु प्रतिभागिता कर रहे हैं।

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