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जंगल की जमीन कब्जाने की तैयारियां

- टांकपुरा, इमलीखेड़ा बीट में वन कटाई और अवैध खनन सीहोर, 09 मार्च (हि.स.)। जिले के जंगलों की बेशकीमती जमीन से लेकर सागौन के वनों की अवैध कटाई पर रोक नहीं लग पा रही है। इसका उदाहरण जिले के जंगलों में देखा जा सकता है, जहां पेड़ों की कटाई के बाद ठूठों को जलाया जा रहा है। इससे जंगलों की जमीन को कब्जाने की कवायद से भी इंकार नहीं किया जा सकता। जानकारी के अनुसार टांकपुरा, इमलीखेडा बीट के तहत जंगल में पेड़ों की कटाई के बाद ठूठों को भी जलाया जा रहा है अब बडा सवाल यह है कि जंगल में इस ठूठों में आगजनी की घटना संयोग है या फिर जान बूझकर बेशकीमती जमीन को खेतीयुक्त बनाने की कवायद चल रही है। यह तो जांच का विषय है। यदि मामले में जांच होती है तो कई और परते सामने आ सकेंगी। जंगल की जमीन में अवैध खनन टांकपुरा बीट में बेशकीमती सागौन कटाई के साथ साथ अवैध खनन किया जा रहा है इसमें मिट्टी की खुदाई और मुरम का खनन हो बदस्तूर जारी है। यह भी मान जा रहा है कि जिम्मेदारों की मिलिभगत से वनमाफियाओं के हौंसले लगातार बुलंद हैं। सवाल यह भी टांकपुरा बीट में पदस्थ्य नाकेदार शरद रंजन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। इसकी वजह भी है पूर्व में सेमलीजदीद सीहोर और किशनपुरा बीट लाडकुई के वनपरिक्षेत्र में अतिक्रमण की शिकायतों के चलते नाकेदार शरद रंजन को निलंबित किया गया था। अब फिर उनके क्षेत्र में वनकटाई और अतिक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। अतिक्रमण न हो इसलिए खुदवाई मामले नाकेदार शरद रंजन का कहना है कि बीट में अतिक्रमण न हो इसलिए जेसीबी से खुदाई कराई गई है। मेरी बीट में कोई अतिक्रमण नहीं हुआ। वहीं वनपरिक्षेत्र सीहोर के रेंजर हरिओम मनु कहते हैं कि इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली है, मामले में जांच करा कर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सीहोर डीएफओ के रमेश गनावा का कहना है कि शिकायत मिली थी जांच कराई गई है जिस भूमि पर मिट्टी खोदी गई है वह राजस्व की जमीन है। हिन्दुस्थान समाचार/महेंद्र ठाकुर/राजू

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