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लम्बे लॉकडाउन से आशंकित लोग मण्डियों में उमड़े सब्जी खरीदने

मुरैना, 09 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये शुक्रवार को शाम से लगाये जा रहे 60 घंटे के लॉकडाउन का प्रभाव पहले से ही बाजारों में देखा जा रहा है। मुरैना जिला की अधिकांश मण्डियों में सुबह से ही उपभोक्ताओं की उमड़ रही भीड़ आमदिनों से दोगुनी सब्जी क्रय कर रही हैं। लॉकडाउन की अवधि बढऩे की आशंका भी सब्जी क्रेता-विक्रेताओं को आशंकित कर रही है। इसलिये आलू,प्याज, हरी मिर्ची, टमाटर सहित अधिकांश सब्जियों के भाव पांच रूपये से 10 रूपये किलो तक जहां बढ़ गये हैं, वहीं कटहल, धनिया, बेगन, लोकी, करेला जैसी सब्जियां अधिक समय में खराब हो जाती है इनके दाम विकेताओं ने 10 रूपये से 15 रूपये तक कम कर दिये हैं। हालांकि सबसे अधिक बिक्री आलू, प्याज, हरी मिर्ची की हो रही है। मुरैना की पुरानी खेरिज सब्जी मण्डी में आम दिनों की अपेक्षा आज दोपहर में उपभोक्ताओं की अत्यधिक संख्या देखी गई। गांव से सब्जी बेचने आया किसान भी लॉकडाउन लगने से पहले वापस अपने घर पहुंचने की जल्दी में दिखाई दे रहा था। इसके लिये वह अपने सामान की कीमतें कम कर औने-पौने दामों में बेचता दिखाई दिया। लॉकडाउन के कारण अधिकांश सब्जी विक्रेता जहां नुकसान की संभावना जता रहे हैं। वहीं सब्जी के खरीददार महंगी सब्जी बिकने का आरोप लगा रहे हैं। आमतौर पर 60 रूपये के 5 किलो बिकने वाला आलू आज 70 रूपये में 5 किलो बेचा जा रहा है। वहीं 10 रूपये बिकने वाला टमाटर भी 5 रूपये बढक़र बिक रहा है। इसके विपरीत गांव का किसान हरी मिर्ची के बढ़े हुये दामों के बावजूद भी औने-पौने दाम में सब्जी बेचकर घर जाने की जल्दी में था। कटहल के दाम 10 रूपये प्रति किलो कम हुये वहीं हरी सब्जियों के दामों में अत्यधिक कमी देखी गई। सब्जी उपभोक्ता मुन्नालाल अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में कुछ भी संभव नहीं है। दो दिन से आगे बढक़र कहीं सरकार ने लॉकडाउन बढ़ा दिया तब सब्जी की परेशानी हो जायेगी। इसलिये निर्धारित मान से दोगुनी सब्जी ले जाकर घर रखी जा रही है। वहीं कटहल विक्रेता ने बताया कि अधिक दिनों तक लॉकडाउन लग गया तो कटहल पककर खराब हो जायेगा इसलिये 50 रूपये प्रति किलो बिकने वाला कटहल 40 रूपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। सब्जी विक्रेताओं ने माना कि आम दिनों से दोगुना से चार गुना अधिक सब्जी की बिक्री आज देर सुबह से आरंभ हो गई है। गांव से सब्जी बेचने आया किसान समय को देखते हुये हरी मिर्ची के बढ़े हुये दामों का लाभ नहीं ले पा रहा वह औने-पौने दाम तक अपनी हरी मिर्ची की उपज को बेचकर शाम 6 बजे से पहले अपने घर पहुंचना चाहता है। हिन्दुस्थान समाचार/उपेंद्र/राजू

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