Panna: Visitors to reach Ajaypal fort on Makar Sankranti
Panna: Visitors to reach Ajaypal fort on Makar Sankranti

पन्ना: मकर संक्रांति पर अजयपाल किले में पहुचेंगे दर्शनार्थी

पन्ना, 13 जनवरी, (हि.स.)। मकर संक्रांति के अवसर पर अजयपाल किले में स्थित मंदिरों में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सभी जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। अजयपाल किले की मान्यता ऐसी है कि अंग्रेजों के द्वारा यह किला अपराजेय रहा है। राजशाही जमाने में बना ये अभूतपूर्व दुर्ग पहाड़ के ऊपर चारो तरफ से बाउंडरी वॉल से सुरक्षित है। इस किले में कई दर्शनीय स्थल है जैसे कि रँगहमहल जो कि पत्थरो की कलाकृतियों से सुसज्जित है। इसी तरह तरौनी दरवाजा, भूतेश्वर सहित अजयपाल का मंदिर व जैन धर्मालंबियों का मंदिर भी इस किले में स्थित हैं। वही मुस्लिम समाज के लोगो की एक प्राचीन मजार भी किले में स्थित है। इस किले में पानी के भी पर्याप्त स्रोत है। जिसमे मुख्य गेट के नीचे दो कुंड हैं, जो कि गंगा और जमुना के नाम से भी जाने जाते है। अगल बगल में होने के बाद भी दोनो कुंडों के पानी का स्वाद अलग है। अजयपाल मंदिर के सामने एक बड़ा तालाब स्थित है। मकर संक्रांति पर अजयपाल मंदिर में खासी भीड़ होती है। लोग अजयपाल मंदिर में साल में 2 दिन रखी जाने वाली मूर्ति अजयपाल के दर्शन के लिए दूर-दूर से यहां आते है। अजयपाल महाराज का तंत्र विद्या में क्षेत्र में दुहाई के साथ तांत्रिक अपनी विद्या का उपयोग करते है। यहां पर चढ़ाये जाने वाला प्रसाद भी सवाई के रूप में ही चढ़ाया जाता है। जिसमें से मुख्य रूप से देशी घी के लोग रोट चढ़ाते है। आसपास व क्षेत्रीय लोगों की ऐसी मान्यता है कि किले के ऊपरी हिस्से से कोई छोटा पत्थर ले जाकर जानवरो की सार में गाड़ देने से पशु बीमार नही पड़ते व बीमार पशु शीघ्र सही हो जाते है और पशु धन में भी वृद्धि होती है। जिससे अनेक लोग मंदिर के आसपास के छोटे-छोटे पत्थर अपने साथ उठाकर ले जाते है। लोगों की ये भी मान्यता है कि अजयपाल को यहां भगवान की उपाधि के साथ ही बहुत बड़े तांत्रिक भी मन जाता है। सांप बिच्छु व जहरीले कीड़े के काट लेने पर तांत्रिक झाड़ फूक करने से पहले अजयपाल महाराज का नाम लेकर अपना मन्त्र उच्चारण प्रारम्भ करते हैं। जब किले में राजपरिवार रहता होगा तो वो भोलेनाथ के उपासक रहे होंगे क्योंकि जगह-जगह भोलेनाथ के मंदिर व शिवलिंग स्थापित है। अजयपाल किले का महत्व क्षेत्र सहित आसपास की जगहों में काफी प्रसिद्ध है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेश पांडेय-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in