Orders ordered for damages of five lakh on the suicide of the prisoner under consideration
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विचाराधीन बंदी की आत्महत्या पर आयेाग ने दिए पांच लाख हर्जाने के आदेश

भोपाल, 29 दिसम्बर (हि.स.)। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला जेल पन्ना में विचाराधीन बंदी द्वारा जेल परिसर में आत्महत्या कर लेने के कारण मृतक के उत्तराधिकारियों को पांच लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि दो माह में देने की अनुशंसा की है। वर्ष 2019 के इस मामले में आयोग ने 24 दिसम्बर 2020 को अनुशंसा की है। घटना के संबंध में जेल अधीक्षक, पन्ना से सूचना मिलने पर यह प्रकरण संज्ञान में लिया गया था। मानव अधिकार आयोग द्वारा मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार आयोग के प्रकरण क्र. 5544/पन्ना/2019 में विचाराधीन बंदी मुकेश प्रजापति द्वारा 20 अगस्त 2019 को जेल परिसर में लोहे की राड (सरिया) पर अपने गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने के कारण मृतक के निकटतम उत्तराधिकारियों को पांच लाख रूपये देने की अनुशंसा राज्य शासन को की है। राज्य शासन चाहे, तो इस क्षतिपूर्ति राशि की वसूली संबंधित जेल अधिकारियों से कर सकता है। अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि राज्य शासन जेल परिसरों में सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने की व्यवस्था करे। जेल परिसर/वार्डों आदि की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों के साथ ही अन्य उपलब्ध डिजिटल टेक्नालॉजी का उचित और प्रभावी प्रयोग करते हुए प्रहरियों की कम संख्या पर भी सम्पूर्ण जेल परिसर पर निगरानी की जा सकती है। अतः इस पर भी यथाशीघ्र कार्यवाही की जाये। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in

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