शवयात्रा पर फेके जानेवाले फूलों का लेकर आ रही आपत्तियां

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27/04/2021 मृतक के कोविड संदिग्ध होने पर फैला सकते हैं संक्रमण उज्जैन,27 अप्रेल (हि.स.)। शहर में रोजाना बीसीयों शवयात्राएं निकल रही हैं। इनमें सामान्य बीमारी से मरनेवालों के साथ ही कोविड पॉजीटिव्ह एवं संदिग्ध मृतकों की शवयात्राएं भी शामिल हैं। सामान्य रिवाज है कि अंतिम यात्रा के दौरान शव पर पुष्प वर्षा की जाती है। अभी भी यह क्रम जारी है। जबकि प्रशासन का यह मानना है कि फूलों से संक्रमण फैल सकता है। ऐसे में अंतिम यात्रा में फेके जानेवाले फूल सड़कों पर बिखरे रहते हैं। लोगों का प्रश्न है कि क्या इससे संक्रमण फैलने की आशंका नहीं है? यदि है तो इसे बंद किया जाए। यदि नहीं तो फूलों की बिक्री प्रारंभ की जाए? गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी फूल मण्डी को बंद कर दिया गया है। यह मानकर चला जा रहा है कि फूलों के माध्यम से भी कोरोना संक्रमण फैल सकता है। मंदिर बंद होने से वहां तो पूजा करने के लिए आम आदमी नहीं जा रहा है लेकिन घरों में होनेवाली पूजा के लिए फूल सामान्यतया उपलब्ध नहीं हैं। इधर अंतिम यात्रा के लिए व्यक्ति अपने स्तर पर फूलों का इंतजाम कर ही लेता है। अंतिम यात्रा में जब फूल उड़ाए जाते हैं तो अनेक फूल शव से लगने के बाद सड़क पर गिर रहे हैं। ऐसे फूलों के ढेर सुबह से शाम तक शहर की सड़कों पर देखे जा सकते हैं। इसी बात को लेकर लोगों के मन में प्रश्न है कि क्या फूलों से संक्रमण फैलता है? यदि हां, तो फिर अंतिम यात्रा में फूलों को फेकने पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा रहा है? यदि नहीं तो फिर फल-सब्जी की तरह फूल मण्डी भी चालू की जाए,ताकि लोग अपने घरों में पूजन में फूलों का उपयोग कर सकें। हिंदुस्थान समाचार/ललित ज्वेल

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