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हे परशुराम, अब धरती से कोरोना का संहार कीजिए, जयंती पर लोगों ने की प्रार्थना

14/05/2021 गुना, 13 मई (हि.स.) । हे परशुराम, धरती आज संकट में है। समाज कल्याण के लिए, धरतीवासियों की रक्षा हेतु अब फिर एक बार अपना फरसा उठाईए और धरती से कोरोना का संहार कीजिए। प्रार्थना के इन स्वरों के साथ शुक्रवार को भगवान परशुराम जी का प्रगटोत्सव मनाया गया। कोरोना संक्रमण काल में दूसरी बार इस पर्व पर सार्वजनिक आयोजन नहीं हो पाए और गत साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं को पर्व घरों में ही मनाने मजबूर होना पड़ा। इस मौके पर घर-घर में भगवान परशुराम जी की पूजा अर्चना की गई। दीप जलाए गए तो आरती उतारी गई। इसके साथ ही ऑनलाइन संगोष्ठी भी आयोजित हुईं। गूंजते रहे मंत्र, हवन की सुगंध से पवित्र हुआ वातावरण भगवान परशुराम जी की जयंती पर कोरोना संक्रमण के चलते सार्वजनिक आयोजन भलें हीं नहीं हो पाए हो, किन्तू घर-घर में हवन, पूजन आदि कार्यक्रम चलते रहे। सुबह से ही मंत्रों के स्तर जहां गुंजयमान होने लगे थे तो हवनकी सुगंध से वातावरण पवित्र हो रहा था। इसके साथ ही घर-घर में दीप प्रज्जवलन कर कोरोना के अंधकार को मिटाने का प्रयास किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी जयंती पर कोरोना की काली छाया रही थी। इससे पहले प्रगटोत्सव पर हर साल भव्य आयोजन होने के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली जाती रही है। प्रतिकार के लिए शास्त्र एवं शस्त्र दोनों जरुरी : दुबे सतयुग की समापन बेला में जब लोक के ऊपर राजतंत्र हावी हो गया था राजा निरंकुश होकर अपने तपोबल, बाहुबल,धनबल, सैन्यबल और राजबल के अभिमान में जनता को महत्वहीन समझ कर प्रताडि़त करने लगे थे। तब भगवान परशुराम जी ने अपने पराक्रम से लोकरक्षण किया। शोषण एवं अत्याचार, अनाचार करने वाली शक्तियों का समूल विनाश करने के लिए शस्त्र एवं शास्त्र का प्रयोग का संदेश भगवान परशुराम जी ने दिया है। यह बात भगवान परशुराम जी के प्रगटोत्सव पर शुक्रवार को गुरुकुल प्रांत प्रमुख पं.तुलसीदास दुबे ने कही। पं. दुबे भारतीय शिक्षण मंडल गुरुकुल प्रकल्प द्वारा ऑनलान संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। भगवान परशुराम जी ने किया आर्य संस्कृति का विस्तार: शर्मा पं.दुबे ने कहा कि भगवान परशुराम जी ने सहस्त्रबाहु सहित समय-समय पर आतताई दुष्ट शासकों को अपने पराक्रम से समाप्त कर सदाचारी नैतिक वीर तपस्वी न्याय प्रिय परोपकारी क्षत्रियों को राज्य देकर उन्हें राजा बनाया। भगवान परशुराम जी एक आदर्श समाज व्यवस्था बनाकर उन्नत आर्यावर्त के संस्थापक थे। गोष्ठी का संचालन कर रहे पंडित रविंद्र शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम ने उत्तरी भूभाग से आर्य संस्कृति विरोधी ताकतों का संहार कर अफगानिस्तान, ईरान, इराक तक आर्य संस्कृति का विस्तार किया। व्यापक शोध से पता चलता है कि मुंबई से कन्याकुमारी तक के क्षेत्र को 8 कोणों में बाँटकर भगवान परशुराम जी ने ही सूरशास्तक प्रांत बनाया था।आभार पं. बृजेश शर्मा ने माना। रोग निवारक सर्व मंगल प्रार्थना के साथ गोष्ठी हुई। भार्गव कृषि फार्म पर मना प्रगटोत्सव कोरोना महामारी के बीच भगवान परशुरामजी का प्रगटोत्सव भार्गव कृर्षि फार्म हाऊस पर मनाया गया । जिसमें सामाजिक दूरी के साथ दो चरणों में भगवान परशुराम जी का पूजन अर्चन कर हवन किया गया । इस दौरान मंत्रों के साथ आहुतियां देकर प्रभू से इस महामारी से निजात हेतू प्रार्थना की गई ।इस मौके पर ब्राह्मण समाज के प्रदेशाध्यक्ष नर्वदा शंकर भार्गव ने घरों में ही पर्व मनाने पर सभी श्रद्धालुओं का आभार माना। उन्होने कहा कि कोरोन से मुक्ति के साथ पर्व धूमधाम से भव्य स्तर पर मनाया जाएगा। इस मौके पर आनंद भार्गव, अनिल भार्गव , घनश्याम, आनंद व्यास, रामकुमार चौबे, धर्मेंद्र भार्गव, अविचल भार्गव उपस्थित रहे । हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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