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अब पुराने बोर्ड पैटर्न पर होंगी 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाएं

गुना, 05 फरवरी (हि.स.) । आखिरकार राज्य शासन ने विद्यार्थियों की मूल समस्या को गंभीरता से लिया है। जिसे दूर करने पिछले महीनों में किए गए सभी बदलाव केे निर्देश निरस्त कर दिए हैं। अब कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाएं पुराने पैटर्न पर ही होंगी। मंडल ने ब्लूप्रिंट और मूल्यांकन पद्धति और प्रश्न पत्र प्रिंट कराने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया था। परीक्षा के ठीक पहले होने वाले इस बदलाव से जिले के 13 हजार से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हो रहे थे। जानकारी के मुताबिक हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जो कई तरह के बदलाव किए थे। उससे न सिर्फ विद्यार्थी प्रभावित हो रहे थे बल्कि शिक्षकों को परीक्षा परिणाम को लेकर जो लक्ष्य दिया गया है, वह भी इस पुरानी व्यवस्था से प्रभावित हो रहा था। क्योंकि कोरोना काल की वजह से लंबे समय से न तो नियमित कक्षाएं संचालित हुईं और न ही ऑनलाइन क्लासेस से बच्चे कुछ सीख पाए। यही नहीं दिसंबर माह में भी जो नियमित कक्षाएं लगाई गईं उनमें 30 प्रतिशत से भी कम बच्चे शामिल हुए। कुल मिलाकर बिना पढ़ाई के बच्चे कैसे ठीक से पेपर दे पाएंगे। यही नहीं इससे पहले ओपन बुक पद्धति ने भी बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर डाला है। अधिकांश बच्चे इस तरह की व्यवस्था में अध्ययन ही नहीं कर पाए। कुल मिलाकर इस स्थिति में बच्चों को नए बोर्ड पैटर्न पर प्रश्न पत्र को हल करना काफी मुश्किल नजर आ रहा था। जिसका उदाहरण अद्र्धवार्षिक परीक्षा के दौरान भी देखने को मिल चुका है। बच्चों की इस परेशानी ने शिक्षकों को भी चिंता में डाल दिया था। क्योंकि उन्हें लग रहा था कि बच्चों की जब पढ़ाई ही ठीक तरह से नहीं हुई तो कैसे वह अच्छा परीक्षा परिणाम दे पाएंगे। मंडल के बदलाव को शासन ने ऐसे पलटा तेजतर्राट छवि वाले मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर दिया था। जिसे राज्य शासन ने विशेष अधिकार मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल अधिनियम की धारा-9 का इस्तेमाल करते हुए सभी निर्देश निरस्त कर दिए हैं। शासन ने अपने आदेश में बताया है कि लॉकडाउन और लगातार कोरोना संक्रमण की स्थिति के चलते शैक्षणिक सत्र प्रभावित हुआ है। नियमित कक्षाएं नहीं लगीं और विद्यार्थी स्कूल आकर नहीं पढ़े हैं। इसलिए नए पैटर्न पर परीक्षा कराना ठीक नहीं होगा। अब प्रश्नपत्र प्रिंट कराने, ब्लूप्रिंट और मूल्यांकन पद्धति में बदलाव नहीं होगा। यह रहेगा पेपर का पैटर्न कुल अंक : 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्न : 25 अंक अति लघु उत्तरीय प्रश्न : 10 अंक (2 अंक के पांच प्रश्न) लघु उत्तरीय प्रश्न : 12 अंक (3 अंक के चार प्रश्न) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न : 28 अंक (4अंक के सात प्रश्न) निबंधात्मक प्रश्न : 25 अंक (5 अंक के पांच प्रश्न) मंडल ने यह किए थे बदलाव अथवा में प्रश्नों की संख्या बढ़ा रहा था। जैसे कि कुल 6 प्रश्नों में चार हल या पांच प्रश्नों में से तीन हल करने होंगे। पहले हर दो प्रश्न में अथवा होता था। जबकि अब आठ या दस प्रश्न में दिए जाएंगे। वहीं श्रेणी सुधार के लिए विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के तीन माह बाद फिर से परीक्षा दे सकेगा। उसके रिजल्ट में उसी साल सुधार हो जाएगा। इसके अलावा कोई भी विद्यार्थी संकाय बदल सकेगा। दूसरी परीक्षा भी बोर्ड परीक्षा की तरह ही होगी। कक्षा 10 में कुल दर्ज परीक्षार्थी : 7020 कक्षा 12 में कुल दर्ज परीक्षार्थी : 6176 कुल परीक्षार्थी : 13196 हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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