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न शादी, न मंदिर न पूजा आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं फूल उत्पादक

मंदसौार, 03 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग और धंधे प्रभावित हैं। किसानों की फसल खेतों में सड़ रही। इधर मंदिर भी बंद होने से फूलों का बाजार मुरझा चुका है। इसी सीजन में सबसे अधिक फूल की मांग और खपत होती है, लेकिन लॉकडाउन के कारण इस बार महत्वपूर्ण त्योहार नवरात्र, रामनवमीं और हनुमान जयंती पर भी मंदिर के फाटक बंद रहे। तय हुई शादियां भी टाल दी गई हैं। फूल का बाजार फरवरी माह से रफ्तार पकड़ता है। मार्च और अप्रैल माह में प्रमुख त्योहार के साथ ही शादी भी अधिक होती है। इन सभी कार्यक्रम में फूलों की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। लॉकडाउन के बीच ही सारे त्योहार सम्पन्न हुए हैं और मंदिरों के फाटक बंद हैं। लोग मंदिर तक नहीं पहुंच पाए और फूलों की दुकानें भी बंद हैं। तय हुई शादियां भी टाल दी गई है। जसके कारण फूलों का बाजार पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इस व्यापार से जुड़े लोगों अब लॉकडाउन खुलने और सबकुछ सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद की एक किरण उनके पास अब शेष है कि अगर लॉकडाउन खुला तो मई और जून में कुछ शादी होगी जिसमें उनका व्यापार फिर से खिलने के साथ ही महक उठेगा। जिले में होती है फूलों की खेती गुलाब, हजारी फूल के अलावा कुछ अन्य फूलों की खेती भी जिले में होती है। बाजार में मांग नहीं होने के कारण फूलों की खेती करने वाले किसान फूल तोडकर फेंक रहे हैं, क्योंकि इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। एक साथ कई लोगों के रोजगार पर असर पड़ा है। स्वयं और दूसरों की सुरक्षा के लिए वे भी अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं। लाखों रुपये का कारोबार- फूल और माला के थोक विक्रेता चमन माली ने बताया कि फूल का कारोबार इस सीजन में लाखों रुपये का होता है। लॉकडाउन के कारण इस बार एक फूल भी नहीं बेच पाए हैं। शादी में स्टेज से लेकर गेट तक फूल से सजाए जाते हैं जिसके कारण खपत बहुत अधिक होती है। फूल के व्यवसाय से जुड़ी प्रत्येक दुकान का व्यापार प्रतिदिन का कम से कम पांच हजार रुपये का होता है। पिछली बार भी पड़ी थी कोरोना की मार कोरोना के कारण फूलों का व्यवसाय लगातार दूसरी बार प्रभावित हुआ है। पिछली बार भी इन दिनों में ही लाॅकडाउन लगा था जिसके कारण फूलों का व्यापार चौपट हो गया था इस बार भी यही स्थिति बन रही है। हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलौया

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