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नागदा: सूचना के अधिकार में दोषी अफसर से आर्थिक क्षतिपूर्ति राशि वसूलने का आदेश.

केंद्रीय मंत्री से जुड़े मामले में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास संभाग उज्जैन का फैसला. उज्जैन/ नागदा, 16 अप्रैल (हिं स) । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत के निर्देशपत्र से जुड़े एक सूचना के अधिकार अपील में समय पर जानकारी मुहैया नहीं कराने पर नगरपालिका नागदा के अधिकारी पर गाज गिरी है। संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास संभाग उज्जैन ने सूचना के अधिकार प्रथम अपील में संबधित से क्षतिपूर्ति राशि वसूलने का आदेश पारित किया है। जानकारी में विलंब पर अधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा है। साथ ही हिदायत भी दी हैकि भविष्य में सूचना अधिकार के मामलों के प्रकरणों में इस प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। संयुक्त संचालक ने यह कार्यवाही के. सनोलिया निवासी नागदा के सूचना अधिकार की प्रथम अपील में दिया है। इस कारण क्षतिपूर्ति का आदेश संयुक्त संचालक एवं सूचना के अधिकार प्रथम अपीलीय अधिकारी ने अपने निर्णय में लिखा है कि प्रकरण में लोकसूचना अधिकारी के द्धारा समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराना पाया गया। फिर अपील के दौरान जानकारियां प्रस्तुत करना उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में अब नि:शुल्क जानकारी प्रदान करने में दस्तावेजों को उपलब्ध कराने पर निकाय को जो आर्थिक हानि होगी उसे संबधितों से वसूली जाए। जानकारियां भी अब तत्काल नि:शुल्क उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। सीएमओ ने पुष्टि की मुख्य नपा अधिकारी नागदा भविष्य कुमार ख्रोबागड़े से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया अपील आदेश पर सोमवार को कार्यवाही की जाएगी। उनका यह भी कहना था कि यह मामला कार्यालय के निर्माण विभाग से संबधित है इसलिए इस विभाग के प्रमुख से आरटीआई उपलब्ध कराए जाने वाले दस्तावेजो पर जो भी खर्च आंका जाएगा वह राशि बतौर क्षतिपूर्ति वसूली जाएगी। राष्ट्रकवि के परिवार से जुड़ा है मामला यह मामला गांधीमानस महाकाव्य रचयिता देश के जाने-माने कवि स्व: नटवरलाल स्नेही के परिवार की एक समस्या से जुड़ा है। कवि स्नेही की पोती के पति कवि कमलेश दवे ने नपा नागदा से व्यवसायिक उपयोग के लिए एक दुकान ली थी। इस दुकान में बारिश का पानी भर जाने की समस्या से निजात दिलाने के लिए नपा में कई बार चक्कर काटे, लेकिन निराकरण नहीं हआ। इस समस्या को लेकर कमलेश ने इंसाफ के लिए केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के समक्ष लगभग तीन वर्ष पहले 18 जून 2018 को पत्र लिखा था। मंत्री गेहलोत के अतिरिक्त निजी सचिव योगेश कुमार उपाध्याय ने सीएमओ नागदा को मंत्रीजी के हवाले से उचित कार्यवाही का निर्देश दिया था। जिसकी एक प्रति मंत्रालय से क्रमांक 496 दिनांक 20 जून 2018 को पीडि़त कमलेश दवे को भी प्राप्त हुई। इस प्रति को संलग्र कर सूचना अधिकार लगाया गया। केंद्रीय मंत्री के निर्देशपत्र पर सूचना अधिकार केंद्रीय मंत्री के निर्देश को नपा के जवाबदेही अधिकारियों ने दो बरसों तक अनदेखा किया। कोई कार्यवाही तक नहीं की। तब सूचना के अधिकार में आवेदक ने मंत्री के निजी सचिव की प्रति को संलग्र कर उस पर हुई कार्यवाही का विवरण चाहा । नपा में सूचना के अधिकार आवेदन 20 अगस्त 2020 को तत्कालीन मुख्य नपा अधिकारी मो.अशफाक खान के कार्यकाल में प्रस्तुत हुआ था। तत्कालीन अधिकारी ने समय सीमा में जब कोई जवाब नहीं दिया तो सूचना के अधिकार में प्रथम अपील कार्यालय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के समक्ष की गई थी। जिसका निर्णय हाल में सामने आया है। हिंदुस्थान समाचार/ कैलाश सनोलिया

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