कलेक्टर को पीड़ित ने सुनाई अपनी पीड़ा, जिंदा होने के बावजूद भी देना पड़ रहा अपना जीवित होने का प्रमाण-पत्र

किसान भोजराज ने अपने आवेदन में कहा है कि उसे मिलने वाली पीएम सम्मान निधि की राशि बीते दो सालों से बंद कर दी गई है, क्योंकि अधिकारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है।
जिंदा होने के बावजूद भी देना पड़ रहा अपना जीवित होने का प्रमाण-पत्र
जिंदा होने के बावजूद भी देना पड़ रहा अपना जीवित होने का प्रमाण-पत्र

भोपाल, एजेंसी। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने शाजापुर जिले की एक घटना पर संज्ञान लिया है। जिसमें एक जिंदा व्यक्ति स्वयं को जिंदा साबित करने के लिये दो सालों से विभाग-विभाग भटक रहा है। मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर शाजापुर से घटना की जांच कराकर पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है।

खुद के जीवित होने का प्रमाण-पत्र शासन को देना पड़ रहा

आयोग द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार शाजापुर जिले के ग्राम कोहलिया निवासी किसान भोजराज पिता जसमतसिंह मेवाड़ा ने कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाते हुए दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग करते हुए उसे न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। किसान भोजराज ने अपने आवेदन में कहा है कि उसे मिलने वाली पीएम सम्मान निधि की राशि बीते दो सालों से बंद कर दी गई है, क्योंकि अधिकारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। अब जबकि वह जिंदा है, उसे खुद के जीवित होने का प्रमाण-पत्र शासन को देना पड़ रहा है। उसे न्याय दिलाकर उसकी पीएम सम्मान निधि फिर से प्रारंभ की जाये।

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