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म.प्र.: प्रदेश में कहीं ऑक्सीजन की किल्लत, तो कहीं बेड और इंजेक्शन की कमी बरकरार

भोपाल, 25 अप्रैल (हि.स.)। मध्यप्रदेश में सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी अस्पतालों में व्यवस्थाएं ठीक नहीं हो पा रही हैं। एक तरफ ऑक्सीजन की किल्लत मिट नहीं पा रही है, जिसके चलते लगातार मरीजों की मौत हो रही है। वहीं, दूसरी तरफ रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति भी लड़खड़ा रही है। सरकार और जनसहयोग से कई कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन नए संक्रमितों के आने की रफ्तार इतनी तेज है कि हर शहर में बेड की कमी बनी हुई है। प्रदेश के बड़े शहरों के साथ-साथ अब छोटे शहरों में भी ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने लगी हैं। शनिवार को छतरपुर जिला अस्पताल में 5 घंटे तक ऑक्सीजन सप्लाई बंद रहने से कोरोना के 4 मरीजों की मौत हो गई। वहीं मुरैना जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से संक्रमित महिला ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। इससे पहले शुक्रवार को ग्वालियर के 7 अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने से 10 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई थी। अधिकतर अस्पतालों में मरीज के परिजनों से ही ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की बात कही जा रही है। शनिवार को जब इंदौर में पत्रकारवार्ता के दौरान पत्रकारों ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से सवाल पूछे, तो वे बिना जवाब दिये ही चले गए थे। भोपाल को 100 टन से ज्यादा की जरूरत, मिल रही 80 टन ऑक्सीजन- राजधानी भोपाल के लगभग सभी अस्पतालों में पिछले 72 घंटे से ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। शहर के 104 कोविड अस्पतालों में आईसीयू और ऑक्सीजन सपोर्ट पर करीब 4,771 मरीज हैं। ऐसे में शहर को रोजाना 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन मिल रही है सिर्फ 80 टन। बीते 24 घंटे में सरकारी रिकॉर्ड में तो 5 मौतें दर्ज की गई हैं, लेकिन भदभदा विश्रामघाट पर शनिवार को 100 संक्रमितों के शव लाए गए थे। इसमें से अकेले भोपाल के ही 66 शव थे। इंदौर में 600 बिस्तरों का कोविड केयर सेंटर शुरू, फिर भी नहीं मिल रहे बेड- इंदौर में एक्टिव केस बढ़कर 12,484 हो गए हैं। इसकी वजह से कोरोना संक्रमितों को बेड नहीं मिल रहे हैं। राधा स्वामी सत्संग ब्यास (मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर) में 600 बेड का कोविड केयर सेंटर बनने के बाद भी मरीजों को राहत नहीं मिल रही है। शहर के सुपर स्पेशिएलिटी, एमआरटीबी, अरबिंदो, सीएचएल, चोइथराम समेत अन्य अस्पतालों से बेड न होने की बात कहकर मरीजों को लौटाया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे

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