MP Election: कांग्रेस के सबसे मजबूत दुर्ग में सेंधमारी के लिए उतरेंगे शिवराज, चुनाव अभियान का करेंगे शंखनाद

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुज बज चुका है और राजनीतिक दल अपने-अपने चुनाव प्रचार अभियान में जुट गए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज भी अपना चुनाव प्रचार...
CM Shivraj Singh
CM Shivraj Singh

भोपाल, (हि.स.)। मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुज बज चुका है और राजनीतिक दल अपने-अपने चुनाव प्रचार अभियान में जुट गए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार शाम को कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाली भोपाल की उत्तर विधानसभा से चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद करेंगे।

उत्तराखंड के तीन दिवसीय प्रवास पर CM चौहान

मुख्यमंत्री चौहान फिलहाल उत्तराखंड के तीन दिवसीय प्रवास पर हैं। उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह और दोनों पुत्र कार्तिकेय और कुनाल भी उनके साथ हैं। उन्होंने दो दिनों तक यहां गंगा किनारे संतों का आशीर्वाद लेने के साथ साधना भी की। वे बुधवार को सुबह ऋषिकेश में थे। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है, जिसका कोई विकल्प नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता मध्य प्रदेश की जनता की सेवा में लगे हैं।

चुनावी सभाओं से प्रचार का शंखनाद करेंगे CM

मुख्यमंत्री चौहान शाम को भोपाल पहुंचेंगे और यहां चुनावी सभाओं से प्रचार का शंखनाद करेंगे। आचार संहिता लगने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज की यह पहली जनसभा होगी। वे यहां शाम पांच बजे भोपाल के उत्तर विधानसभा टीला जमालपुरा में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस सीट पर शुरू से कांग्रेस का दबदबा रहा है। भाजपा को 1993 में सिर्फ एक बार यहां से जीत नसीब हुई थी। इस सीट पर 1998 से आरिफ अकील लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। इस बार उत्तर सीट से भाजपा ने भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

उत्तर विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है

हालांकि, राजधानी भोपाल की अन्य पांच विधानसभाओं में भाजपा का दबदबा रहता है, लेकिन उत्तर विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर कांग्रेस 1998 से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रही है। यही वजह है कि भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशियों की पहली ही सूची में उम्मीदवार का ऐलान कर दिया था। यहां पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के आरिफ अकील के खिलाफ पूर्व विधायक रसूल अहमद सिद्दीकी की बेटी फातिमा रसूल सिद्दीकी को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें आरिफ अकील के हाथों 34,857 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने आरिफ बेग को उतारा था, लेकिन उन्हें भी 6 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।

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