खाते में गलती से चली गई थी ज्यादा राशि, वापस ली तो सफाईकर्मी समझे सैलरी कम कर दी
गुना, 09 फरवरी (हि.स.) । जिला अस्पताल के सफाईकर्मी मंगलवार को हड़ताल पर चले गए। इसकी वजह भी हर बार की तरह उनकी सैलरी थी। जो अपेक्षाकृत बढऩे की वजाए इस बार घटकर आई है। सभी सफाईकर्मी सैलरी आने के बाद से ही नाराज चल रहे थे। जिसे लेकर उन्होंने पहले ही अस्पताल प्रबंधन को अगवत करा दिया था। लेकिन जब यहां से कोई बात बनती नहीं दिखी तो सभी सफाईकर्मियों ने हड़ताल पर जाने का मन बना लिया। मंगलवार को जैसे ही हड़ताल की सूचना कलेक्टर के पास पहुंची तो उन्होंने सभी को कलेक्टोरेट आकर बात करने के लिए कहा। मामला सामने आने के बाद इसे सुलझाने की जिम्मेदारी एसडीएम को सौंपी गई। जहां उन्होंने कलेक्टर से मिले निर्देश के तहत कोरोना काल में दिए जाने वाला इंसेटिव सैलरी में यथावत रखने की बात कही। लेकिन सफाईकर्मी कलेक्टर रेट पर सैलरी देने की बात कहते रहे। जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में तीन माह तक सफाईकर्मियों को मूल सैलरी के अलावा एक हजार रुपए इन्सेंटिव दिए जाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए थे। लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन की गलती से चार माह के बिल बनाकर बैंक को दे दिए गए। जिससे सफाईकर्मियों को इन्सेंटिव की राशि चौथे माह भी मिल गई। जब इस गड़बड़ी का पता चला तो अगले माह यानि फरवरी माह की वेतन राशि एक हजार काट ली गई। जिससे सफाईकर्मियों को लगा कि उनकी सैलरी कम कर दी गई है। इसी गलतफहमी के चलते सफाईकर्मी नाराज हो गए और मंगलवार को हड़ताल पर चले गए। इस दिन सुबह से ही सफाईकर्मियों ने अस्पताल में कोई सफाई नहीं की। इस मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने कलेक्टर को दी। जिस पर उन्होंने सभी सफाईकर्मियों को कलेक्ट्रेट बुलाया। यहां पूरी बात सुनने के बाद उन्होंने एसडीएम के पास जाने के लिए कहा। जहां एसडीएम ने कलेक्टर से मिले निर्देश के तहत सफाईकर्मियों को बताया कि कोरोनाकाल में जो इंसेटिव के रूप में एक हजार रुपए की राशि उन्हें दी गई थी वह आगे भी जारी रखी जाएगी। लेकिन इसके बाद भी सफाईकर्मी कलेक्टर रेट पर सैलरी दिए जाने की मांग करते रहे। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में कुल 60 सफाईकर्मी कार्यरत हैं। जिन्हें वर्तमान में 5 हजार रुपए सैलरी दी जा रही है। इंसेटिव राशि जारी रखने पर उन्हें 6 हजार रुपए मिलेंगे। अस्पताल में धरना देकर किया विरोध प्रदर्शन सफाईकर्मियों ने शासन के नियमानुसार वेतन न दिए जाने से नाराज होकर जिला अस्पताल में दोपहर 2 बजे से धरना दिया। इस दौरान सफाईकर्मियों ने बताया कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलती है। जब भी वह अपने अधिकारी की बात करते हैं तो अस्पताल के सभी पदाधिकारियों द्वारा जाति सूचक शब्द बोलकर उन्हें प्रताडि़त किया जाता है। यह बोले जिम्मेदार सफाईकर्मियों की कोई सैलरी कम नहीं की गई है। कोरोना काल में तीन महीने इन्सेंटिव के रूप में एक हजार बढ़ाने के आदेश थे लेकिन गलती से यह भुगतान चौथे महीने हो गया था। इसी राशि को फरवरी माह की सैलरी से कम की गई, जिसे वह सैलरी कम करना समझ बैठे। कलेक्टर के आदेश के तहत अब इन्सेंटिव की राशि को आगे भी जारी रखते हुए 6 हजार रुपए सैलरी दी जाएगी। डॉ हर्षवर्धन जैन, सीएस हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in