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जेपी अस्पताल में आधी रात को उपद्रवियों ने की मारपीट, आयोग ने लिया संज्ञान

भोपाल, 11 मई (हि.स.)। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजधानी के जेपी अस्पताल में उपद्रवियों द्वारा आधी रात को की गई मारपीट पर संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में कलेक्टर, उप पुलिस महानिरीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल से जांच कराकर तथ्यात्मक प्रतिवेदन सात दिवस में मांगा है। आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भोपाल के जेपी अस्पताल में बीते रविवार-सोमवार की रात दो पक्षों ने जमकर हंगामा किया। करीब 45 मिनट तक 15-20 लोगों की भीड़ में शामिल महिलाओं ने अस्पताल परिसर में रखे गमलों से हमला करना शुरू कर दिया। उपद्रवियों ने अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लगे पार्टीशन के कांच तोड़ दिये। इस दौरान ड्यूटी पर अस्पताल की चौकी में सिर्फ एक पुलिस जवान था। उपद्रव देखकर मरीजों के साथ-साथ डाक्टर और स्टाफ भी डरे सहमे रहे। हमीदिया से मिसरोद के मांगे 9 हजार रुपये, लोडिंग ऑटो में शव ले गये परिजन भोपाल के हमीदिया व अन्य सरकारी अस्पतालों में एम्बुलेंस और शव वाहन संचालकों की मनमानी जारी है। राधेश्याम अहिरवार के पिता हमीदिया अस्पताल के डी-ब्लाक में भर्ती थे। उनका निधन होने के बाद राधेश्याम ने पिता का शव मिसरोद तक ले जाने के लिये शव वाहन वाले से बात की, तो उसने 9 हजार रूपये मांगे। राधेश्याम ने राशि कम करने की बात की, तो शव वाहन वाले ने खुद मना कर अन्य संचालकों को भी शव ले जाने से मना कर दिया। इससे विवाद की स्थिति बन गई। अंततः राधेश्याम परिचित के लोडिंग आटो में शव ले गये। इस मामले में आयोग ने कमिश्नर, भोपाल संभाग एवं अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल, भोपाल से जांच कराकर ट्रांस्पोर्ट एम्बुलेंस की दरें नियत कराने एवं अस्पताल परिसर में इनकी उपलब्धता नियत दर पर सुनिश्चित कराने की व्यवस्था कर प्रतिवेदन दस दिवस में मांगा है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे

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