मन्दसौर, 06 मार्च (हि.स.)। मंदसौर नगर पालिका से गायब हुई फाईल व पीआईसी संकल्प व ठहराव का मामला अदालत पहुंच गया है। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश जैन द्वारा आईपीसी की धारा 380 व 120 बी के अंतर्गत प्रस्तुत किये गए परिवाद पर न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी देशना जैन के न्यायालय में शनिवार को सुनवाई की गई। अब मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। परिवादी कमलेश जैन के अभिभाषक राघवेन्द्रसिंह तोमर ने बताया कि अगली सुनवाई पर 26 मार्च 2021 को परिवादी सहित उसके साक्षियों के कथन दर्ज किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी को नपा में हुई पीआईसी की बैठक में नामांतरण के लगभग 700 प्रकरण रखे गए थे। नियम तो यह कहता है कि बैठक के दूसरे ही दिन बैठक की प्रोसिडिंग व सभी फाइलों पर नपाध्यक्ष के हस्ताक्षर हो जाना थे। पर लगभग सवा माह बाद 2 मार्च तक भी यह काम नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि अभी भी 100 से अधिक फाइले नपा से गायब है। प्रोसिडिंग भी तैयार नहीं हुई और पूर्व नपाध्यक्ष भी फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं जबकि उन्हे पद से हटे ही सवा माह होने को आया है। इसे छुपाने के चक्कर में एक लिपिक राजेंद्र नीमा को निलंबित कर दिया गया व नामांतरण शाखा देख रही मिल्की तिवारी को नोटिस दिया गया है। इधर नपा के सूत्रों की माने तो पूर्व अध्यक्ष व सीएमओ पीके सुमन के बीच कुछ मामलों में तनातनी के चलते ही वह अपने हस्ताक्षर भी नहीं कर रहे हैं और फाइले भी घर पर लेकर बैठे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अशोक झलौया