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महादेव के टमाटर जिले सहित पड़ोसी राज्य छग में भारी मांग

अनूपपुर, 02 मई (हि.स.)। मझोले युवा कृषक महादेव ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन कोरोना के रूप में प्राकृतिक विपदा का संकट आ जाने पर सरकारी अनुदानी संसाधन उसके परिवार के लिए रक्षा कवच बन बनेगे और रोजगार की लगभग सभी गतिविधियां बंद हो जाने के बावजूद भी उसकी आजीविका मजे में चलती रहेगी। कोरोना संकट काल में लागू लॉकडाउन में महादेव टमाटर के उत्पादन के माध्यम से खुद के परिवार के साथ खेत में काम करने वाले मजदूरों के परिवार की भी जीविका चला रहे हैं। वह टमाटर की बिक्री से 10 हजार रुपए रोज कमा रहे हैं, जिससे इन विषम हालात में भी उनका परिवार मुस्कुरा रहा है। अनूपपुर जिले के पहरीचूआ गांव के 34 वर्षीय युवा कृषक महादेव केवट बताते हैं कि पहले रोजी-रोटी के लिए ग्राम पंचायत में मेट का काम करते हुए समृद्धशाली जीवन जीने के सिर्फ सपने ही देखा था। किन्तु आज हाईब्रीड टमाटर की बदौलत हर मौसम में अच्छी आमदनी हो जाती हैं। कल तक ग्राम पंचायत की चाकरी करने वाले महादेव आज अपने खेत में दूसरों को मजदूरी दे रहे हैं। महादेव ने इसका श्रेय उद्यानिकी विभाग द्वारा अनुदान पर उपलब्ध कराए गए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई सिस्टम, संरक्षित खेती योजना के अंतर्गत मल्चिंग शीट, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत प्लास्टिक कैरेट तथा उद्यानिकी में यंत्रीकरण को बढ़ावा देने योजना अंतर्गत पावर स्प्रे पंप एवं तकनीकी मार्गदर्शन को दिया। इससे महादेव की किस्मत पलट दी। टमाटर से हुई कमाई से मोटरसाइकिल खरीदी मकान बनवाया साथ ही बहन की शादी भी कर दी। टमाटर ने महादेव की जिंदगी बदल दी। महादेव ने जब पहली बार टमाटर की फसल ली, तो मानो चमत्कार हो गया। आज वह अपने ढाई एकड़ खेत में टमाटर की जबरदस्त पैदावार ले रहे हैं और डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। मोबाइल से मंडी के भाव पता करता हूं जिससे अच्छे दाम मिल जाते हैं। आज खेत में 10 लोगों को काम भी दे रहे हैं और यह संख्या बढ़ती भी रहती है। टमाटर की खेती ने गत वर्ष कोरोना संकट काल में लॉकडाउन के दौरान महादेव को आजीविका के लिए परेशान नहीं होने दिया। टमाटर खूब बिके और उनके घर का खर्च भी मजे में चलता रहा। वर्तमान समय में भी कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन में उनके घर का खर्च अच्छी तरह चल रहा है। अप्रत्याशित रूप से टमाटर का व्यापार बढ़ा है। टमाटर की फसल को खेत में वर्ष भर लिया जा सकता है। जिले के कोतमा, बिजुरी, राजनगर एवं छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ के व्यापारी खेत से ही टमाटर ले जाते हैं। इससे अच्छी आमदनी हो जाती हैं। महादेव कहते हैं आज हमारा टमाटर का उत्पादन फलते फूलते कारोबार में तब्दील हो गया है। जीवनशैली में बदलाव का टमाटर उत्पादन से काफी असर पड़ा है। लॉकडाउन में भी हमारी कमाई पर कोई फर्क नहीं पड़ा। सहायक संचालक उद्यानिकी व्हीडी नायर बताया कि आजकल सब्जियों खासकर टमाटर की मांग अधिक है। सरकार भी इस दिशा में किसानों को प्रोत्साहित करती है। ड्रिप इरिगेशन पद्धति यहां टमाटर उत्पादन के लिए काफी असरकारक है। हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

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