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विक्षिप्त युवक मारता है पत्थर, परिजनों ने जंजीरों से बांधा

- पुलिस और चिकित्साकों ने कहा, इलाज के लिए नहीं सुविधा अनूपपुर, 28 मई (हि.स.)। बिजुरी नगर में मानसिक रूप से विक्षिप्त 30 वर्षीय युवक साकिर अली को शासकीय सहायता नहीं मिलने से परेशान परिजनों ने उसे घर में ही जंजीरों से जकड़ रखा है। जंजीरों को जकड़ा देखकर ऐसा लगता है जैसे वह कोई अपराधी हो। लेकिन परिजनों के पास इसके अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है। परिजनों द्वारा कभी बंधन से खोलने पर वह विक्षिप्त युवक पड़ोसियों को पत्थर मारकर घायल करने लगता है। कभी-कभी परिजनों को भी मारने का प्रयास करता है। ऐसे में उनके पास उसे नियंत्रित करने के लिए इस उपाय के सिवा कोई रास्ता भी नहीं बचा है। बड़ा भाई साबिर अली बताते हैं कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस विभाग तक फरियाद की, मदद मांगी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने मेंटल हॉस्पिटल आसपास नहीं होने के कारण उसे दूसरी जगह भेजने से दूरी बना ली, जबकि पुलिस ने पागल एक्ट समाप्त करने की बात कहते हुए मदद से इंकार कर दिया है। साबिर अली के अनुसार साकिर बचपन से ऐसा नहीं था। बल्कि स्नातक की पढ़ाई के दौरान मानसिक अवसाद से ग्रसित होने पर वह इस बीमारी की चपेट में आ गया। हांलाकि एसईसीएल में कार्यरत पिता के द्वारा इलाज कराया जाता रहा, तब तक वह कुछ ठीक अवस्था में था। पिता का निधन हो जाने के बाद घर की हालत बिगड़ने से इलाज भी नहीं हो सका। साकिर पिछले 10 वर्षों से मानसिक बीमारी से ग्रसित है। बीच-बीच में इलाज हो जाने से वह कुछ समय के लिए ठीक भी हो जाता है लेकिन समय पर दवाइयों का सेवन नहीं करने से वह गंभीर रूप से इस बीमारी से ग्रसित हो चुका है। एक वर्ष पूर्व करता था नौकरी, पत्नी ने भी छोड़ा साथ साबिर अली का कहना है कि लगभग 1 वर्ष पूर्व साकिर की मानसिक स्थिति ठीक होने पर वह अंबिकापुर में नौकरी कर रहा था। इसी दौरान मानसिक दौरा पड़ने पर पिछले 4 महीने से वह फिर ऐसी ही स्थिति में बन गया है। इसके बाद परिजन उसे घर ले आए। लेकिन यहां पड़ोसियों को पत्थर मारकर घायल करना शुरू कर दिया। इलाज के लिए शासकीय सहायता तथा मानसिक चिकित्सालय आसपास नहीं होने के कारण परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी बीच मानसिक अस्वस्थता से परेशान होकर साकिर की पत्नी ने तलाक दे दिया, इससे वह और भी मानसिक अवसाद से ग्रसित हो गया है। हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला

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