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भगवान के दरवार में जाओ तो निस्वार्थ होकर : मुनिश्री

गुना, 08 मार्च (हि.स.)। देव, शास्त्र और गुरु के समक्ष किया गया पाप ब्रजलेप के समान है। दुनिया में कहीं भी किए गए पाप का प्रायश्चित तो भगवान और गुरु के सामने हो जाएगा। लेकिन इनके समक्ष ही पाप करोगे तो आखिर कहां जाओगे। आज लोग मंदिरों में राग-द्वेष के कारण झगड़ा कर रहे हैं। जिन मंदिरों में पापों को नष्ट किया जाता है उस मंदिर में हम मान कषाय के वशीभूत होकर लड़ाई झगड़ा करते हैं। मंदिरों में ही हम यह सब करेंगे तो आपको कही शांति नहीं मिलेगी। शन्ति की जगह को शान्ति की जगह ही रहने दो। मंदिर में जाओ तो यह भावना लेकर जाओ कि हे भगवान आपके अंदर जो गुण है उनकी प्राप्ति के लिए मैं यहां आया हो। मेरा अंतिम समय भगवान का नाम लेकर निकले। मन में राग और द्वेष की भावना लेकर मंदिर नहीं जाना चाहिए। उक्त धर्मोपदेश मुनिश्री पदम् सागरजी महाराज ने सोमवार को चौधरी मोहल्ला स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए दिए। इस अवसर पर मुनिश्री प्रसाद सागरजी एवं मुनिश्री पुराण सागरजी महाराज भी मंच पर विराजमान थे। धर्मसभा में मुनिश्री पदम् सागरजी महाराज ने कहा कि आज इंसान कहता है कि मैं रोज भगवान की भक्ति पूजा करता हूं, लेकिन फल क्यों नहीं मिलता? जब तुमने पाप किए थे उसका भी तुरंत फल नहीं मिला था। इसलिए घबराओ नहीं भगवान की भक्ति करते रहो और पुरूषार्थ करो, फल जरूर मिलेगा। मुनिश्री ने कहा कि भगवान के दरवार में जाओ तो निस्वार्थ होकर जाएं। संसार के कार्य, संकल्प, विकल्प यदि मन में हैं तो उन्हें मंदिर के दरवाजे पर ही छोडक़र जाएं। भगवान और भक्त के बीच कोई नहीं आना चाहिए। आपकी मनोभावना जरूर पूर्ण होगी। इस अवसर पर मुनिश्री प्रसाद सागरजी महाराज ने कहा कि मंदिर और मूर्तियों धर्म नहीं है यह तो धर्म के साधन है लेकिन हमनें इन्ही को धर्म मान लिया। इसी तरह शरीर तो सहायक है परम वैभव तो आत्मा है। मुनिश्री ने कहा कि जिन्हें स्वप्र देखना अच्छा लगता है उन्हें रातें छोटी लगती हैं और जिन्हें जिन्हें स्वप्र पूरा करना है उन्हें दिन छोटे लगते हैं। पदम सागरजी महाराज का रूठियाई की ओर हुआ पैदल विहार इस मौके पर दोपहर में मुनिश्री पदम सागरजी महाराज का पैदल विहार गुना से रूठियाई की हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री प्रसाद सागरजी, शैल सागरजी, उत्तम सागरजी, पुराण सागरजी एवं निकलंक सागरजी महाराज ने एबी रोड तक मुनिश्री को विदाई देने पहुंचे। जैन समाज उपाध्यक्ष अनिल बडक़ुल ने बताया कि मुनिश्री के विहार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान मुनिश्री का रात्रि पड़ाव एबी रोड स्थित गौशाला पर हुआ। मंगलवार को पदम सागरजी महाराज का मंगल प्रवेश रूठियाई में होगा। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक

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