उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने किया वेधशाला का अवलोकन
उज्जैन, 21 जून (हि.स.)। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को टीकाकरण महाअभियान में शामिल होने के बाद महिदपुर तहसील के ग्राम डोंगला स्थित वेधशाला का अवलोकन किया। डोंगला स्थित पद्मश्री विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला पर परछाई ने भी साथ छोड़ दिया, ऐसा नजारा उपस्थित लोगों ने देखा। डोंगला में यह नजारा शंकु यंत्र पर देखा गया। इस दौरान घनघोर बादल छाये हुए थे। शंकु यंत्र पर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य बादलों के बीच से निकलता हुआ दिखाई दिया। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने वेधशाला के घनश्याम रत्नानी से शंकु यंत्र के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव एवं उपस्थित व्यक्तियों को रत्नानी ने जानकारी देते हुए बताया कि विष्णु श्रीधर वाकणकर ने 1985-86 के दौरान कालगणना की दृष्टि से उक्त स्थान खोजा था और यह प्रतिपादित किया था कि यही वह स्थान है जो ग्रीनविच से भी ज्यादा कालगणना के लिये महत्व रखता है। यहां जो कालगणना की जाती है, वह पूरे विश्व को मान्य होती है, क्योंकि यह सूर्य के चक्र का उत्तरवाला अन्तिम बिन्दू है। यहां पर सूर्य जिस प्रकार से 23:30 अक्षांश पर झुका हुआ दिखाई देता है, किन्तु 23:26 उत्तर से दक्षिण की ओर जाता है। यह सर्वाधिक उत्तर की ओर मोड़ने वाला ही स्थान मिला है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से प्रतिवर्ष विक्रम संवत के आधार पर पंचांग का निर्माण किया जा रहा है। डोंगला वेधशाला में शंकु यंत्र, भास्कर यंत्र, नाड़ी यंत्र, सम्राट यंत्र स्थापित हैं, जिससे कालगणना की जाती है। इस अवसर पर डॉ. अजय शर्मा, न्यास के सचिव आचार्य डॉ. रमण सोलंकी, हेमन्त शर्मा, ग्राम के पूर्व सरपंच पदमसिंह पटेल आदि उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश