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गुना: गुरुकुल परंपरा में 97 फीसद थी साक्षरता : कान्हेरे

गुना, 28 मई (हि.स.) । अंग्रेजों के शासनकाल में भी भारत की गुरुकुल परम्परा में सात लाख गुरुकुल संचालित किए जाते थे। जिनमें संस्कृत भाषा, वेदमंत्र, गणित, व्याकारण अभ्यास आदि विषय शामिल थे। उस समय भारत की साक्षरता 97 प्रतिशत थी। यह जानकारी विद्या भारती मध्यभारत प्रांत के एनईपी 20 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण ग्वालियर चंबल संभाग के ऑनलाइन शुभारंभ अवसर पर शुक्रवार को मुख्य वक्ता अध्यक्ष, प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति रविन्द्र कान्हेरे ने व्यक्त किए। द्वितीय सत्र में अतिरिक्त संचालक स्कूल शिक्षा विभाग धीरेन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि हमें छात्रों के पाठ्यक्रम का बोझ कम करना 21वी सदी में कौशल का विकास करना है। तृतीय सत्र में क्षेत्र प्रशिक्षण प्रमुख देवकीनंदन चौरसिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति में 21वीं सदी के कौशल आयु के अनुसार, कक्षानुसार एवं लाईफ स्किल क्या होगें इसकी गतिविधियां क्या होगी इस पर विचार करना चाहिए। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रांतीय संगठन मंत्री निखिलेश माहेश्वरी ने मॉ सरस्वती की वंदना कर किया। साथ में प्रांत प्रमुख डॉ.रामकुमार भावसार एवं सम्मानीय समिति सदस्य विशेष रुप से उपस्थित रहे। वर्तमान शिक्षा नीति समग्र एवं भारत केन्द्रित : दुबे चतुर्थ सत्र मे विद्या भारती के प्रांतीय सचिव शिरोमणि दुबे ने प्रिपरेटरी स्तर की संकल्पना एवं क्रियान्वयन की योजना विषय को प्रतिपादित करते हुए कहा कि आजादी के बाद अनेक शिक्षा नीति आई 1968, 1986, सुधार 1992 यह सभी सरकारों की शिक्षा नीति थी, किन्तू तीन दशक बाद यह शिक्षा नीति 2020 आई है वह समग्र एवं भारत केन्द्रित है । पंचम सत्र में अतिरिक्त संचालक ओपन स्कूल संजय पटवा ने नई शिक्षा नीति के तहत मिडिल स्टेज की संकल्पना एवं क्रियान्वयन की योजना विषय पर विचार रखे। संजय पटवा ने कहा कि ज्ञान, कौशल एवं व्यवहार के साथ विश्व कल्याण की भावना हों, भारत अपना वैभव कैसे प्राप्त करे यही एन.ई.पी 20 की संकल्पना है। षष्टम सत्र में सेवा निवृत्त, उप संचालक कुलदीप यादव ने नई शिक्षा नीति में छात्र विभिन्न कौशलों का विकास कर डिग्री हासिल करेगें । जिससे उन्हें रोजगार के लिए कहीं भटकना न पड़े। कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख राजेन्द्र सिंह परमार ने कहा कि प्रशिक्षण का आयोजन 30 मई तक ऑनलााईन प्लेटफार्म के माध्यम से किया जाएगा। ग्वालियर, शिवपुरी एवं राजगढ़ विभाग के 8 जिलों से 80 प्राचार्य/प्रधानाचार्य एवं आचार्य बन्धु/भगिनी प्रशिक्षण का लाभ लेगें। कार्यक्रम का संचालन संयोजक विभाग समन्वयक चन्द्रहंस पाठक ने किया एवं आभार विभाग समन्वयक अवधेश त्यागी ने माना। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक/मयंक

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