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ग्रेसिम के जेएलडी प्रोजेक्ट को लेकर फिर बखेड़ा हुआ खड़ा, प्रबंधन ने जवाब में हाईकोर्ट का भेजा निर्णय

नागदा/उज्जैन 24 मार्च (हि.स.)। जिले के नागदा में ग्रेसिम कंपनी द्वारा तकरीबन 60 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन शून्य नि:स्त्राव प्रोजेक्ट को लेकर एक बार फिर बखेड़ा खड़ा हो गया है। हाल में चौक्काने वाली बात यह सामने आई कि सीएमओ अशफाक खान अपने तबादला के पहले इस प्रोजेक्ट के खिलाफ न्यायालय में दायर एक परिवाद को वापस ले लिया। इधर, नवागत सीएमओ भविष्य कुमार खोब्रागड़े ने इस विवाद में नए सिरे से फिर ग्रेसिम को कानूनी दावपेच में उलझा दिया। सीएमओ ने एक नोटिस जारी कर प्रोजेक्ट को बिना अनुमति बनाने का मुद्दा बनाया। ग्रेसिम का जवाब भी सामने आया है। ग्रेसिम ने हाईकोर्ट का एक निर्णय प्रस्तुत किया है। नपा सीएमओ ने हालांकि इस निर्णय को प्रथम द्ष्टया अप्रासंगिक बताते हुए विधि वेता के समक्ष रायशुमारी के लिए अपने अभिमत के लिए भेजा है। सीएमओ ने की पुष्टि सीएमओ भविष्य कुमार का कहना हैकि अभिषेक चौरसिया निवासी नागदा की शिकायत पर इस पुरे प्रकरण को समझा और पुन: ग्रेसिम प्रबंधन को बिना अनुमति के निर्माण कार्य करने पर नोटिस जारी किया था। नोटिस में प्रबंधन ने हाईकोर्ट के एक निर्णय से बचाव का प्रयास किया है। हालांकि हाईकोर्ट के इस निर्णय से बिना अनुमति निर्माण को प्रथम द्ष्टया कोई सरोकार नहीं है। फिर भी नपा के अधिवक्ता के समक्ष इस निर्णय को भेजा गया है। उनका अभिमत मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। क्या है जेएलडी प्रोजेक्ट निर्माण एनजीटी के आदेश पर ग्रेसिम प्रबंधन एक ऐसा प्रोजेक्ट बना रहा है जिसके माध्यम से उद्योग का प्रदूषित एक बूंद भी पानी बाहर नहीं छोड़ा जाएगा। यह प्रोजेक्ट 31 जनवरी तक पूरा करना था। लेकिन पूरा नहीं हुआ। इसके लिए प्रबंधन प्रदूषण विभाग ने समय सीमा बढाई है। बताया जा रहा हैकि यह प्रोजेक्ट इजराइल की तकनीकी से बन रहा है। जिस पर तकरीबन 60 करोड़ खर्च का अनुमान है। पूर्व सीएमओ बोले प्रकरण वापस लिया लगभग तीन माह पहले यहां पर बतौर सीएमओ मोहम्मद अशफाक खान कार्यरत थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में ग्रेसिम के यूनिट हेड के. सुरेश समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ नामजद बिना अनुमति जेएलडी प्लांट निर्माण का प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया था। इस प्रकरण की पेशी 25 मार्च निर्धारित हुई थी। इसके पहले ही सीएमओं मो. अशफाक खान का स्थानांतरण हो गया। हिन्दुस्थान समाचार संवाददाता से बातचीत में पूर्व सीएमओ खान ने इस बात की पुष्टि की हैकि उन्होंने ग्रेसिम के खिलाफ दायर प्रकरण को वापस ले लिया है। जब उनसे पूछा गया कि प्रकरण को आपने वापस क्यो लिया था तो उनका कहना थाकि ग्रेसिम एवं नपा के बीच टैक्स को लेकर एक अनुबंध कई महिनों से पेडिंग पड़ा था। मेरे कार्यकाल में ग्रेसिम ने यह अनुबंध कर लाखों का टैक्स जमा करा दिया था। इसलिए जेएलडी प्लांट के अवैध निर्माण का प्रकरण वापस ले लिया। अब सीएमओ का क्या कहना नवागत सीएमओ भविष्य कुमार का कहना हैकि बाकी टैक्स जमा करने से किसी निर्माण कार्य की कोई अनुमति नही मिल जाती है। निर्माण कार्य के लिए नपा से अनुमति लेना आवश्यक है। दोनों पक्षों के बीच हुए अनुबंध में ऐसी कोई बात नहीं हैकि टैक्स जमा कराने के बाद ग्रेसिम बिना अनुमति के कोई भी निर्माण कार्य कर लेगा। शिकायतकर्ता का कहना पूर्व सीएमओ अशफाक खान द्वारा प्रकरण को वापस लेने की जानकारी मिली है। इस बारे में अभिलेख जुटाए जा रहे हैं। उसके बाद यदि यह बात सामने आती हैकि पूर्व सीएमओ ने विधि के विरूद्ध कृत्य किया है तो उनके खिलाफ उच्च स्तर पर दंडात्मक कार्यवाही के लिए शिकायतें की जाएगी। प्रदूषण विभाग के एक अधिकारी ने भी इस प्रकरण में उद्योग प्रबंधन को अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने का प्रयास किया था तो उनकी खिलाफ भोपाल से तीन सदस्यों की जांच कमेटी का गठन हो गया है। यह गठन उनकी शिकायत पर हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार/ कैलाश सनोलिया

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