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फॉलोअप: रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में अब पुलिस की नजर नर्सिंग स्टाफ पर

28/04/2021 उज्जैन,28 अप्रैल (हि.स.)। रेमडेसीवर इंजेक्शन की मांग और पूर्ति का अंतर शहर के विभिन्न प्रायवेट हॉस्पिटल्स में भर्ती मरीजों के परिजनों में आक्रोश पैदा कर रहा है। बीती रात भी एक हॉस्पिटल में जमकर हंगामा हुआ। इसके पीछे के कुछ कारण पुलिस एवं प्रशासन के सामने निकलकर आए हैं। इनकी विवेचना के बाद कतिपय प्रायवेट हॉस्पिटल्स के नर्सिंग स्टॉफ पर नजर रखी जा रही है। हालांकि उच्चाधिकारियों का कहना है कि हर कोई गलत नहीं है लेकिन कुछ तो है,जिनके कारण व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं। पहला मामला बीती रात का तीन बत्ती क्षेत्र के एक प्रायवेट हॉस्पिटल में एक कोरोना पॉजीटिव्ह महिला को डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखा। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन को कहा कि आपके यहां से डिमाण्ड जाएगी,आप लिखकर भेजो। रात्रि में जब इंजेक्शन आए तो मेडिकल स्टोर्स का संचालक बोला कि आपकी पत्नी के नाम से एक इंजेक्शन आया है,ले लो। महिला का पति नाराज हुआ और बोला कि दो इंजेक्शन लगते हैं पहली बार में,एक कैसे आया? दो आए होंगे,हिसाब मिलाओ। बहस होने के बाद जब संबंधित ने कलेक्टर को शिकायत करने की धमकी दी तो मेडिकल स्टोर्स संचालक ने दो इंजेक्शन दे दिए। इसके बाद रूपये लेकर बैठ गया। परिजन ने कहाकि बिल बनाकर दो,तब हुज्जत के बाद बिल बनाया। दूसरा मामला भी बीती रात का उदयन मार्ग स्थित एक प्रायवेट हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन डॉक्टर ने लिखा और कहा ले आओ। परिजन ने पूछा कहां से लाऊं ? उसे कहा गया कि नीचे जाकर बात करो मेडिकल स्टोर्स पर। इस पर उसे बताया गया कि इंजेक्शन के लिए डॉक्टर साहब ही लिखकर देंगे,तभी मंगवाएंगे। बहुत मशक्कत के बाद डिमांड भेजी गई। रात्रि में जब इंजेक्शन आया तो मरीज को एक ही दिया गया। परिजन ने कहा कि पहली बार तो दो लगते हैं,एक और कहां है? उन्हें कहा गया कि एक ही है और यही लगाना होगा। तीसरा मामला आज सुबह का फ्रीगंज के एक प्रायवेट हॉस्पिटल की आयसीयू में भर्ती गरीब श्रमिक महिला के पुत्र को आयसीयू के अंदर से पर्ची लेकर बाहर आए कर्मचारी ने कहा: रेमडेसिविर इंजेक्शन लगेगा,ले आओ। महिला मरीज के पुत्र ने कहाकि हम कहां से लाएं? आप ही बताओ। कर्मचारी ने कहाकि डॉक्टर ने लिखा है,तुम जानो। इस पर पुत्र परेशान हुआ और नीचे मेडिकल स्टोर पर गया। वहां से भी कुछ जवाब नहीं मिला। इस बीच एक युवक उसके पास आया और कान में धीरे से बोला: रात को मिलना......शाम को आते हैं इंजेक्शन....। पुत्र अवाक रह गया। यह तो गलत बात है...पहली बार में दो लगाते हैं : कुशवाह इस संबंध में जब ड्रग इंस्पेक्टर धरमसिंह कुशवाह से चर्चा की गई तो उन्होने कहाकि हमें रोजाना प्रायवेट हॉस्पिटल्स से डिमांड आती है। दो दिन तक इंजेक्शन आए ही नहीं थे। कल आए तो हमने डिमांड के अनुपात में इंजेक्शन की उपलब्धता को बांट दिया। लेकिन साधारणतया नर्सिंग स्टॉफ और डॉक्टर को पता रहता है कि पहली बार मरीज को एक साथ दो इंजेक्शन लगाए जाते हैं। ऐसे में पहली बार में एक ही इंजेक्शन आया है,यह कहना गलत है। इस बारे में हॉस्पिटल संचालकों से बात करेंगे। हिंदुस्थान समाचार/ललित ज्वेल

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