सपरिवार सीएम दो दिन तक घूमे पन्ना टाइगर रिजर्व
पन्ना 31 मार्च (हि.स.)। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गत 28 मार्च होलिका दहन को शाम पन्ना पहुंचे थे। स्थानीय होटल में रूकने के बाद 29 को प्रात:काल सपरिवार पन्ना टाईगर रिजर्व घूमे और 30 मार्च को भी पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में ही सपरिवार घूमे और टाइगर का दीदार किया एवं होली मनाई। उनका यह भ्रमण पूर्णत: निजी बताया गया तथा जनप्रतिनिधियो एवं आम नागरिकों एवं मीडिया से पूरी तरह से दूर रहे। ज्ञात हो कि वर्ष 2015 में भी शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री सपरिवार पन्ना टाईगर रिजर्व का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उनकी एकमात्र फोटो उपलब्ध हो सकी जिसमें उनके द्वारा बरगद का पेड़ रोपा गया। स्वत: ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा सार्वजनिक तौर पर पन्ना टाईगर रिजर्व क्षेत्र में होली मनाने की बात कही तथा जिले एवं प्रदेशवासियों को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। उनके आने की सूचना के कारण 27 मार्च से जिला प्रशासन तैयारियों मे जुटा था पूरे शहर की साफ सफाई मंदिरों की साफ सफाई कराई गई और जिन रास्तों से उनके गुजरने की संभावना थी उनकों भी दुरूस्त कराया गया 30 मार्च को वे अकोला में बनाये गये अस्थायी हैलीपेड से वे पन्ना से गंतव्य के लिए रवाना हो गये। कहीं केन बेतवा का कडा़ विरोध न मिलने का कारण तो नहीं:- अपने भ्रमण के बमुश्किल पांच दिन पूर्व ही केन बेतवा लिंक परियोजना स्वीकृति के एमओ पर हस्ताक्षर यूपी एवं एमपी के सीएम द्वारा हस्ताक्षर किये गये थे। तत्काल ही उनका पन्ना टाईगर रिजर्व क्षेत्र में भ्रमण कार्यक्रम निजी तौर पर बन गया चूंकि केन बेतवा लिंक परियोजना से पन्ना टाईगर रिजर्व सहित अधिकांश क्षेत्र डूब क्षेत्र में डूब जायेगा। यानि की पन्ना की जमीन डूबेगी और फायदा पडोसी जिलों को मिलेगा जिसका कडा विरोध जिले में किया जा रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि इसी विरोध की सूचना के कारण सीएम द्वारा पूर्णत: सभी से दूरी बनाई गई हो अब इसमें सच्चाई क्या है ये तो वही जान सकते हैं। पन्नावासियों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अनूठे अंदाज में मुख्यमंत्री का ध्यान केंद्र बेतवा लिंक परियोजना तथा उसके विनाशकारी परिणाम की ओर आकृष्ट किया जो राष्ट्रीय स्तर पर अब चर्चा का विषय बन चुका है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेश पांडे/राजू