स्टार्टअप्स के लिए छात्रों को तैयार करें शैक्षिक संस्थान : मंत्री सखलेचा

educational-institutions-should-prepare-students-for-startups-minister-sakhalecha
educational-institutions-should-prepare-students-for-startups-minister-sakhalecha

भोपाल, 05 अप्रैल (हि.स.)। विचार जीवन में सबसे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आप अपना व्यवसाय बिना पूंजी के शुरू कर सकते हैं लेकिन नवीन विचारों के बिना नहीं। स्टार्टअप्स के लिए विचार बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि विचार से स्टार्टअप्स और उद्योगों के बीच परस्पर क्रियाओं को जारी रखना सुगम होता है। यह बात प्रदेश के एमएसएमई, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने सोमवार को प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर द्वारा आयोजित 'न्यू इंडस्ट्रियल पॉलिसी टू एम्पावर एमएसएमई एंड स्टार्टअप्स' पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने स्टार्टअप-उद्योग के बीच बातचीत के लिए नए विचारों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शैक्षिक संस्थानों को स्टार्टअप को मजबूत उद्योग के रूप में विद्यार्थियों को जोड़कर तैयार करना चाहिए। संस्थान की बातचीत छात्रों को व्यावहारिक समस्याओं का सामना करने में सक्षम बनायेगी। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए पूंजी जुटाने के कई स्रोत हैं जैसे कि एंजेल इन्वेस्टमेंट, वर्किंग कैपिटल लोन, क्राउड फंडिंग, वेंचर कैपिटल और सरकारी योजनायें। लेकिन एक आइडिया का कोई विकल्प नहीं है और वह हैं प्रौद्योगिकी के साथ छात्रों के स्टार्टअप विचारों को जोड़ने के लिए निवेशक। आज हमें ऐसी एजेंसियों की आवश्यकता है जो स्टार्टअप के नवीन विचारों का समर्थन कर सके, क्योंकि इससे स्टार्टअप को निवेश आकर्षित करने और उनके विचारों को ठोस रूप दिए जाने में मदद मिलेगी। मंत्री सखलेचा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने लघु उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया है। मध्यप्रदेश में 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री राज्य में 1898 इकाइयों की आधारशिला रखने जा रहे हैं, जो कि अनुमानित लागत 4,864 करोड़ के होंगे। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में 30 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई और स्टार्ट अप में विकास के संबंध में सरकार की नई नीतियों और प्रधानमंत्री की पॉलिसी आत्म-निर्भर भारत की दृष्टि के अनुसार स्वरोजगार की उभरती जरूरतों को पूरा करेगी। सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए बजट में 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। "एमएसएमई के विकास को बढ़ावा दें : डॉ. डेविश जैन प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. डेविश जैन ने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और नवाचार इस क्षेत्र के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए राज्य और केंद्र सरकार की पहल तथा उनकी योजनाओं की सराहना की। वेबिनार में अनेक विद्वानों ने हिस्सा लिया। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in