धर्म और परमात्मा से करो दोस्ती : मुनिश्री
धर्म और परमात्मा से करो दोस्ती : मुनिश्री गुना 07 मार्च (हि.स.) ।जिसने भगवान और गुरु से प्रेम कर लिया, समझो उसे जन्नत मिल गई। संसार में किसी से सच्ची दोस्ती करनी है तो भगवान से करो। परमात्मा और धर्म से ही सच्ची दोस्ती ही तुम्हारा कल्याण करेगी। देव, शास्त्र और गुरु के प्रति आस्था और श्रद्धा रखो। हमेशा यही भावना रखना कि जीवन के अंतिम समय में भगवान और साधु के सानिध्य में मरण हो। भगवान के प्रति 99 फीसदी नहीं 100 फीसदी आस्था रखो। भगवान पर आस्था रखना प्रहलाद से सीखो। हिरण्यकश्यप राजा की बहन अपने भतीजे को लेकर अग्रि में बैठ जाती है लेकिन भगवान में अटूट आस्था रखने वाले प्रहलाद का बाल बांका भी नहीं होता। भगवान धैर्य की परीक्षा जरूरत लेते हैं लेकिन बचाने वाला परमात्मा ही है। लेकिन आज इंसान थोड़ी से विपत्ति आने पर मंदिर जाना छोड़ देता है। उक्त धर्मोपदेश आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के शिष्य मुनिश्री पुराण सागरजी महाराज ने चौधरी मोहल्ला स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए दिए। इसके पूर्व पाठशाला के बच्चों द्वारा सामूहिक रूप से आचार्यश्री की पूजन की। इस अवसर पर मुनिश्री पुराण सागरजी ने कहा कि सद् आचरण हैवान को इंसान बना देता है और त्याग इंसान को भगवान बना देता है। गुना समाज का पुण्य है जो तुम्हें साधु संतों का समागम मिलता रहता है। गांवों में जब साधु जाते हैं तो द्वार-द्वार पर लोग श्रद्धा के साथ पक्षालान करते हैं। मुनिश्री ने कहा कि जब भक्ति संगीत में प्रवेश करती है तो घर में भी मंदिर बन जाता है। शिवाजी की तरह रखो गुरु के प्रति समर्पण इस अवसर पर पाठशाला के बच्चों को संबोधित करते हुए मुनिश्री प्रसाद सागरजी महाराज ने कहा कि गुरू के पास अनंत गुण हैं तुम गुरु का एक गुण भी ले लोगे तो तुम्हारा कल्याण हो जाएगा। भारत भूमि ऋषि मुनियों की भूमि है, बलिदान की भूमि है। जहां वीर शिवाजी जैसे धर्म के प्रति आस्था रखने वाले राजा हुए हैं। शिवाजी कभी भी अधर्म और अन्याय के आगे नहीं झुके। धर्म और संस्कृति के लिए वह अंतिम सांस तक मुगलों से लड़ते रहे। मुनिश्री ने कहा कि गुरु के प्रति समर्पण शिवाजी से सीखना चाहिए। बच्चों में नैतिक सदाचार की शिक्षा की जरूरत है। आज लौकिक शिक्षा तो दी जा रही है लेकिन संस्कारी शिक्षा नहीं दी जा रही है। मुनिश्री ने बच्चों से कोयला और चंदन का उदाहरण देते हुए कहा कि गलत लोगों की संगति कोयले के समान है, आप गलत लोगों की संगति छोड़ भी दोंगे तो आपके हाथ कोयले की तरह काले रहेंगे। वहीं आप अच्छे लोगों की संगति करोगे तो उनकी अच्छाई की सुगंध हमेशा आपके हाथों में रहेगी। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक